गोविन्द वर्मा
बाराबंकी। 8 मार्च को अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस के उपलक्ष्य में टीआरसी लाॅ काॅलेज एवं जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के संयुक्त तत्वावधान में महिला अधिकारों का संरक्षण एवं ग्रामीण क्षेत्रों में जागरूकता विषय पर कार्यशाला का आयोजन हुआ।
कार्यक्रम के आरम्भ में महाविद्यालय के प्राचार्य डा. अश्वनी गुप्ता ने कहा कि जब हम वैदिक काल, रामायण, महाभारत की बात करते हैं तो पाते हैं कि महिलाओं को उस समय कितना सम्मान दिया जाता था।
आज के समय के लिए संविधान निर्माताओं को महिलाओं के अधिकारों की चिन्ता क्यों करनी पड़ी, यह एक गंभीर विषय है। उन्होंने आया समय उठो तुम नारी, खुद निर्माण तुम्हे करना है, कविता पढ़कर महिलाओं को जागरूक एवं सशक्त होने के लिए प्रेरित किया। डा. सत्या सिंह ने अपने अनुभवों एवं घटनाओं के बारे में बताते हुए महिलाओं को अधिकारों एवं उनके शिक्षित होने पर विचार विमर्श किया।
मुख्य अतिथि नाजनीन बानोे ने महिलाओं को अपने अधिकारों की जानकारी होने के साथ शिक्षित होने के लिए प्रेरित किया। डीएलएसए की नामित अधिवक्ताओं ने ग्रामीण परिवेश से आईं महिलाओं एवं छात्राओं की समस्याओं के उपाय बताए एवं उनसे सम्बन्धित विभिन्न मुद्दों पर चर्चा भी की।
प्रबन्धक डा. सुजीत चतुर्वेदी ने अपर जिला जज को स्मृति चिन्ह भेंट करते हुए कार्यदायी संस्थाओं के प्रतिनिधियों को सम्मानित। महाविद्यालय ने विधिक रूप से साक्षर बनाने हेतु गाल्हामऊ ग्राम सभा को पहले से ही गोद ले रखा है। इसी क्रम को आगे बढ़ाते हुए शनिवार को नानमऊ ग्रामसभा को गोद लेने की घोषणा की गई।
आधुनिक तकनीक से करायें प्रचार, बिजनेस बढ़ाने पर करें विचार हमारे न्यूज पोर्टल पर करायें सस्ते दर पर प्रचार प्रसार।