भू—माफियाओं को बचाने के लिये धारा 67 के ब्रह्मास्त्र का प्रयोग करते हैं सलोन तहसील के अधिकारी
अपना व भू—माफिया का कर लेते हैं बचाव, सरकारी भूमि पर बना रहता है अवैध कब्जा अनुभव शुक्ला सलोन, रायबरेली। यदि आपके अंदर सरकारी जमीनों पर अवैध कब्जा करने की जरा भी चाहत हो तो चूकियेगा नहीं। बस आपको साहबों से तालमेल बैठा सांठगांठ करने की जरूरत है, बाकी की चिंता आप सलोन तहसील के साहब के ऊपर छोड़ दीजिए। वे आपको सलोन तहसील क्षेत्र की चारागाह, बंजर, खलिहान जैसी सुरक्षित लैंड की सरकारी जमीनों पर अवैध खेती व अवैध मकान बनाने के लिए भूमि आसानी से मुहैया करवा देंगे और हां यह भी आपके लिए खुशी की बात होगी की यदि कोई आपके खिलाफ शिकायत भी करेगा तो साहबों की छत्रछाया में आपका कोई बाल बांका नहीं कर सकता हैं, क्योंकि साहबों के पास राजस्व संहिता की धारा 67/1 जैसा ब्रह्मास्त्र है जिसका प्रयोग कर उच्चाधिकारियों को कथित कार्यवाही की रिपोर्ट प्रेषित कर गुमराह भी कर देंगे और सरकारी जमीन पर आपका अवैध कब्जा भी बना रहेगा।
आप लोग लगातार तेजस टूडे हिंदी दैनिक अखबार में सलोन तहसील क्षेत्र की सरकारी जमीनों पर अवैध कब्जा करने वाले भू माफियों के कृत्यों की खबरें पढ़ते होंगे किंतु कुंभकर्णी नींद से सलोन तहसील प्रशासन के अधिकारी जगने को तैयार नहीं है और यदि जगते भी हैं तो सिर्फ कथित कार्यवाही कर भू—माफियाओं को बचाव कर लेते हैं। हद तो तब पार होती है जब सरकारी जमीनों पर अवैध कब्जा होने के उपरांत अवैध कब्जा न हटवाकर सिर्फ राजस्व संहिता की धारा 67 का वाद दायर कर अपना भू—माफिया का बचाव कर लगातार भू—माफियाओं की ही पैरवी करते नजर आते हैं। धारा 67 की कथित कार्यवाही का हवाला दे भू—माफिया को सरकारी जमीन पर स्थायी अवैध कब्जा का अवसर दे देते हैं। आखिर सलोन तहसील प्रशासन के अधिकारी सरकारी जमीनों पर अवैध कब्जा करने वाले भू— माफियाओं पर इतना क्यों मेहरबान रहते हैं? कब तक अपनी छत्रछाया भू—माफिया पर बनाकर रखेंगे। इन प्रश्नों का उत्तर मिलना मील का पत्थर साबित हो रहा है।
धारा 67 के वाद में बेदखल होने के बाद भी सरकारी जमीनों पर काबिज हैं भू—माफिया सलोन तहसील प्रशासन के अधिकारी भू—माफियाओं पर किस कदर मेहरबान है। इसका अंदाजा आप इसी से लगा सकते हैं कि अवैध निर्माण होने के समय अवैध कब्जे को हटवा कर सिर्फ धारा 67 का वाद चला भू—माफिया पर कार्यवाही को टाल देते हैं जिसके बाद सुबह शाम में भू— माफिया अवैध निर्माण को अंजाम दे लेता है। हद तो तब पार हो जाती है जब धारा 67 के तहत अभिलेखों में भू—माफिया बेदखल होने के बावजूद सरकारी जमीन पर काबिज रहता है और सलोन तहसील प्रशासन के साहब उसे अभिलेखों में बेदखल दिखा कार्यवाही से अपना मुंह मोड़ लेते हैं और सरकारी जमीन सदैव के लिए भू—माफिया के गठजोड़ जाती है। सलोन तहसील क्षेत्र में ऐसे कई मामले सामने आए हैं। इससे आप अंदाजा लगा सकते हैं कि सरकारी जमीनों पर कोई और नहीं बल्कि सलोन तहसील के अधिकारी ही भू—माफियाओं को अवैध कब्जा करने के लिए खुली छूट दे रखे हैं।
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