राख ओवरलोडिंग से मालामाल हो रही एनटीपीसी, हाइवे पर चलना दुश्वार
सचिन चौरसिया
ऊंचाहार, रायबरेली। एनटीपीसी परियोजना उत्तर प्रदेश सरकार के कानून को नहीं मानते हैं, क्योंकि राख की ओवर लोडिंग कराकर सरकार की योजनाओं को चुनौती दे रहे है जिससे हाइवे पर लोगों का चलना दुश्वार हो गया है। वहीं आये दिन राख ओवरलोडिंग जिसकी वजह से दुर्घटना भी अधिक हो रही है। ट्रको से उड़ती राख लोगो की मौत का सबब बन रही है। वही ट्रक राख की ओवर लोडिंग करके कुछ लोग अपनी जेब भरकर मालामाल हो रहे है।
इसका जीता जागता उदाहरण राखी ढुलाई कार्य में दिख रहा है। राख यूटिलाइजेशन डिपार्टमेंट के अधिकारियों व इसी विभाग में तैनात संविदा कर्मी संजय यादव की मनमानी का यह आलम है की अरखा स्थित ऐश पॉन्ड से उठने वाली राख जिसका कुछ कंपनियों द्वारा ट्रांसपोर्ट का कार्य किया जाता है उनके द्वारा लगातार ओवर लोडिंग करके जहां उत्तर प्रदेश सरकार को चुनौती दी जा रही है तो वहीं एनटीपीसी जैसी महारत्न कंपनी को भी चूना लगाया जा रहा है।
आलम यह है कि जहां ओवरलोडिंग करने के लिए दंड का प्रावधान है तो वही एनटीपीसी के अधिकारी ओवरलोडिंग के लिए प्रोत्साहन राशि लेते हैं। इस बात की पुष्टि ट्रांसपोर्टरों के भुगतान की पड़ताल करके किया जा सकता है। सूत्रों से मिली जानकारी से ट्रांसपोर्टरों द्वारा ओवरलोडिंग के लिए अतिरिक्त भुगतान किया जाता है।इन तमाम सवालों के घेरे में रहने वाली एनटीपीसी आखिरकार क्यों नहीं उठाती ठोस कदम? क्या सच में आए दिन सड़को पर होने वाली दुर्घटनाओ का जिम्मेदार एनटीपीसी है?
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