सास ने बेटे व नाती के कत्ल के बहू को फर्जी मुकदमे में फंसाया
उग्रसेन सिंह
जखनिया, गाजीपुर। स्थानीय क्षेत्र के ग्राम गोड़िहरा के धर्मेंद्र कुमार पुत्र तेरसू राम की शादी अतिगांवा निवासी निशा पुत्री गुड्डू राम के साथ 12 जून 2016 में हुई थी। यह शादी हिंदू रीति रिवाज के अंतर्गत बड़े धूमधाम से की गई। आपस में मनमुटाव को लेकर सुमन देवी पत्नी तेरस राम निवासी द्वारा बहु निशा पर आरोप लगाया कि बहु मेरे पुत्र धर्मेंद्र कुमार को खाने में जहर पिला दिया। 1 घंटे के बाद जब उसको मिचली आने लगी तो बहू ने सारे गहने और कपड़े लेकर अपने मायके फरार हो गई। इधर धर्मेंद्र कुमार को अस्पताल ले जाया गया जहां उसकी मौत हो गयी।
पूछे जाने पर निशा देवी ने बताया कि अब मेरे ससुराल वालों को दहेज चाहिए, इसलिए हमें प्रताड़ित कर रहे हैं। इसको पाकर भरण पोषण कोर्ट गाजीपुर में मुकदमा दाखिल हुआ है। मुकदमे के दौरान उसका लड़का शिवम 3 साल अपनी मां के साथ मुकदमे में गाजीपुर गया था। उसी भी धर्मेंद्र कुमार द्वारा उस बच्चे को गाजीपुर से लेकर भाग गया। मां बार-बार पूछी तब बताया कि मेरे यहां बच्चा रहेगा। तुम अपना देखो। तुमको यहां आने की आवश्यकता नहीं है जिससे क्षुब्ध होकर निशा देवी द्वारा कई बार प्रयास अपने ससुराल जनों से भी किया लेकिन उस बच्चे को लेकर उसका पिता कहीं चला गया। इसी बीच धर्मेंद्र की मां द्वारा अपने बहू को फंसाने के लिए थाना शादियाबाद में एक प्रार्थना पत्र दिया।
उसमें उल्लेख किया कि बहू निशा देवी मेरे लड़के धर्मेंद्र और नाती शिवम को अपने साथ ले गई जिसके बाद धर्मेंद्र का घर फोन आना भी बंद हो गया। इससे वहां पूछे जाने पर लोगों ने गालियां देते हुये मारा। यह प्रार्थना पत्र थाना शादियाबाद में सुमन देवी द्वारा दिया गया। जांच के दौरान बात सच नहीं निकली तो मुकदमा नहीं हुआ। पुनः प्रार्थिनी बहू को फंसाने के लिए पुलिस अधीक्षक को एक रजिस्टर्ड डाक द्वारा भेजा जिसके बाद वह तुरंत सीजीएम कोर्ट गाजीपुर में धारा 156 (3) के तहत आदेश शादियाबाद थाने को करवाकर अपने बहू निशा देवी तथा उसके पिता गुड्डू राम व भाई मुलायम सहित अन्य के खिलाफ 302 का मुकदमा पंजीकृत करा दिया। इसमें थाना शादियाबाद द्वारा निशा को बार-बार प्रताड़ित किया जा रहा था। उसके घर वाले अपनी जमीन अपना खेत बेचकर इन लोगों की सिफारिश तथा अपने पति और पुत्र की खोजबीन में लग गई।
परिणाम यह हुआ कि 20 जुलाई को उसका पति और पुत्र दोनों थाना शादियाबाद परिसर में थानाध्यक्ष राजेश त्रिपाठी के सामने प्रस्तुत हुये। इस बात की जानकारी जब मीडियाकर्मियों को हुई तो थानाध्यक्ष शादियाबाद से पूछा गया। उन्होंने बताया कि कोर्ट का आदेश मिला हम 302 का मुकदमा पंजीकृत कर दिये। किसी बात की जानकारी देने से थानाध्यक्ष शादियाबाद कतराते नजर आये। उधर निशा देवी का बयान से यह मालूम होता है कि शादियाबाद पुलिस द्वारा मानसिक और आर्थिक प्रताड़ना दी गई है। पूछे जाने पर निशा देवी ने बताया कि मेरी सांस जिस तरह पति और बेटे के जुर्म में फर्जी मुकदमे में हमें फंसाया, इसका परिणाम उसको मिलना चाहिए। पुलिस हमारे घर आकर बार-बार धमकी देती थी तथा कुर्की करने की धमकी देती थी। शासन-प्रशासन से उम्मीद करते हैं कि इस मामले को संज्ञान में लेकर दोषी के खिलाफ उचित कार्यवाही करे।
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