सुलह समझौते के आधार पर कराएं अधिक से अधिक परिवारिक वादों का निस्तारण: प्रधान न्यायाधीश
शिवमंगल अग्रहरि
चित्रकूट। उत्तर प्रदेश राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के निर्देश पर आगामी 9 मार्च को होने जा रही राष्ट्रीय लोक अदालत के सफल आयोजन के उद्देश्य से शनिवार को परिवार न्यायालय के प्रधान न्यायाधीश राकेश यादव ने बैठक ली। जिसमें अधिवक्ताओं से पारिवारिक मामलों का निस्तारण सुलह समझौते के आधार पर कराने के लिए सहयोग मांगा गया। राष्ट्रीय लोक अदालत की प्री ट्रायल बैठक की अध्यक्षता करते हुए प्रधान न्यायाधीश राकेश कुमार यादव ने कहा कि आगामी 9 मार्च को होने जा रही राष्ट्रीय लोक अदालत में अधिक से अधिक पारिवारिक मामलों का निस्तारण सुलह समझौते के आधार पर कराया जाए। लोक अदालत का उद्देश्य विवादों का सौहार्दपूर्ण समाधान है तथा पक्षकारों के मध्य सुलह समझौते के माध्यम से किया गया विवादों का निपटारा करने से विवाद का निस्तारण अंतिम रूप से हो जाता है और दोनों पक्ष सुखी व शान्त रहते हैं। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के प्रभारी सचिव अपर जिला जज सुशील कुमार वर्मा ने कहा कि न्यायालय में लम्बित मामलों को सुलह समझौते के आधार पर निस्तारित कराए जाने से दोनों पक्षों की हार नहीं होती है। साथ ही वादकारियों के धन और समय की बचत भी होती है। ऐसे में खासतौर से परिवारिक विवादों को सुलह समझौते के माध्यम से निस्तारित करना चाहिए। जिससे समाज में सौहार्द भी बनता है। इस मौके पर जिला अधिवक्ता संघ अध्यक्ष संजय करवरिया, महासचिव मनोज कंचनी, काउंसलर राधा देवी, अधिवक्ता चन्द्रभवन, वीरेन्द्र कुमार साहू, आलोक कुमार त्रिपाठी, विकास कुमार निगम, दमयंति आदि मौजूद रहे।
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