आज तक न्यूज चैनल की भाषा में कहा जाए तो ‘‘एक तरफ करोड़ों लोग अपने पाप धोने और प्रायश्चित करने के लिए कुंभ में पहुंचे और तो दूसरी तरफ कुंभ में ही कुछ लोग अपने पाप की दुकान चला रहे थे। ये लोग कुंभ में स्नान करने पहुंची हर उम्र की महिलाओं और लड़कियों के आपत्तिजनक वीडियो बना रहे थे। डुबकी लगाने आने वाली औरतों, लड़कियों और बच्चियों की डुबकी लगाते वक्त उनके भींगे और गीले कपड़ों के साथ चोरी छुपे उनकी तस्वीरें और वीडियो बनाये गये। वीडियो और तस्वीरें उतारने वाले तो खैर गिनती के होंगे लेकिन अफसोस की बात ये है कि इनके खरीददार हजारों-लाखों में हैं। इस वीडियो को देखने के लिए 90 रुपए से लेकर 1,800 रूपये तक खर्च कर रहे हैं।’’ महाकुंभ में महिला स्नानार्थियों के कथित आपत्तिजनक वीडियो पोस्ट करने के लिए विभिन्न सोशल मीडिया खातों के खिलाफ 17 एफआईआर दर्ज की गई हैं। तीन लोगों– चंद्र प्रकाश, प्रज्वल तेली और प्रजा पाटिल को गिरफ्तार किया गया है।
महाकुंभ शुरू होने से पहले प्रयागराज और श्रावस्ती में नकली नोटों के गिरोह पकड़े गए थे। इन नकली नोटों को महाकुंभ में खपाने की तैयारी थी। कोलकाता से नकली रुद्राक्ष लाये गये तो मुंबई के मार्केट से नामी कंपनियों के बैग, पर्स लाकर बेचे गए। मेले में मिठाई की 7,000 से ज्यादा दुकानें सजीं, इसमें नकली खोया (मावा) सप्लाई हुआ। होली पर जांच करने निकलने वाली टीमें महाकुंभ के बाजार में नजर नहीं आईं। महाकुंभ में बड़ी संख्या में श्रद्धालु स्नान के बाद भंडारे और प्रसाद के लिए शुद्ध घी और दूध सामग्री खरीदते हैं लेकिन यहां नकली दूध का धंधा बड़े स्तर पर चला। एक दुकानदार से बातचीत में पता चला कि ब्रांडेड देसी घी के नाम पर नकली पैकेट बेचे जा रहे हैं। इनमें वनस्पति घी या सस्ता तेल मिलाकर पैकिंग की जाती है।संगम में पूजा-पाठ के लिए श्रद्धालु बड़ी संख्या में रुद्राक्ष और चंदन खरीदते हैं। इसमें भी नकली माल बिका। हमने खुद 500 रुपए में एक दुकानदार से ’प्रामाणिक’ रुद्राक्ष खरीदा। जब इसे एक्सपर्ट को दिखाया तो पता चला कि यह प्लास्टिक का बना था, ऊपर से हल्की-सी पॉलिश कर दी गई थी। इसी तरह चंदन की लकड़ी के नाम पर पीले रंग से रंगी हुई आम की लकड़ी बिकी। एक स्थानीय दुकानदार ने कबूल किया कि असली चंदन की खुशबू लाने के लिए कई बार नकली एसेंस का इस्तेमाल किया जाता है। इसी तरह महाकुंभ में आने वाले 10 में से 9 व्यक्ति फ्लाइट के लिए महंगे टिकट लिये जिसके लिए 300 प्रतिशत तक अधिक कीमत चुकानी पड़ी। प्रयागराज जाने के लिए लोगों ने 50 हजार तक में टिकट खरीदे हैं। होटल और नाव किराये में 3 से 4 गुना अधिक पैसा चुकाना पड़ा। प्रयागराज में सामान्य दिनों में होटल के जो रूम 2,500 से 3,000 रुपये तक मिल जाते हैं, वह 29 जनवरी को 22 हजार रुपये में मिला। लक्जरी कॉटेज में तीन रात रूकने और खाने की पैकेज 2.40 लाख रुपये था। यूपी टूरिज्म द्वारा निर्मित डोम सिटी में एक रात रूकने का किराया 91 हजार रुपये था। इसके अलावा खाने-पीने का खर्च है।
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