माडर्न पब्लिक स्कूल परिसर बना जंग का मैदान, छात्रों के दो गुटों में हुआ हंगामा
शिक्षकों के तानाशाही से अंधकार में पड़ा बच्चों का भविष्य, कई बच्चे लुहूलुहान
अनुभव शुक्ला
सलोन, रायबरेली। लोग बच्चों के शिक्षा ग्रहण करने के लिए विद्यालय भेजकर बच्चों के उज्जवल भविष्य कि कामना करते हैं किंतु शिक्षा का मंदिर कहे जाने वाला विद्यालय का प्रबंध तंत्र पढ़ने वाले बच्चों पर जातिवाद व धर्म-संप्रदाय से जोड़कर भेदभाव करने लगे तो उसे शिक्षा का मंदिर नहीं अराजकता का केंद्र कहां जा सकता है।
सलोन कस्बे में संचालित माडर्न पब्लिक स्कूल एक ऐसा स्कूल जहां के शिक्षक अपने शिक्षक की मर्यादा को तार तार कर दिये हैं। जिस तरह से आये दिन विद्यालय परिसर जंग का मैदान बन रहा है, उससे स्पष्ट है कि इस विद्यालय में पढ़ने वाले बच्चों का भविष्य अंधकारमय छोड़ उज्जवल नहीं हो सकता है। जी हां ऐसा ही है शिक्षा का मंदिर कहे जाने वाला विद्यालय बुधवार को जंग का मैदान बन गया है। कस्बे में संचालित माडर्न पब्लिक इंटरमीडिएट कालेज में बच्चों व शिक्षकों का गुट आपस में भिड़ गया जिसमें कुछ बच्चे चोटिल भी हुए हैं। मौके पर स्कूल परिसर में भारी हंगामा खडा हो गया। शिक्षकों ने अपनी लचर कार्य शैली से बच्चों को आपस में लडा खून की होली खिलवाई।
मौके पर पुलिस बल को भी स्थिति संभालना मुश्किल पड़ गया। मामले का कवरेज कर रहे पत्रकारों से भी स्कूल की प्रिंसिपल ने अपने भ्रष्ट कारनामों पर पर्दा डालने के उद्देश्य से माडर्न पब्लिक स्कूल की प्रिंसिपल सभा खातून ने पत्रकार का मोबाइल फोन छीन मामले को दबाने का प्रयास कर मीडिया के कार्य में बाधा भी डाला। हालाँकि जब किरकिरी हुई तो वापस भी किया। स्कूल प्रशासन की इस तानाशाही रवैए से बच्चों व अभिभावकों में आक्रोश व्याप्त है। दरअसल पूछताछ के दौरान बच्चों ने बताया कि मंगलवार को कुछ बच्चे जय श्री राम के नारे लगा दिए जिस पर आपस में बच्चे दो गुटों में बंट कर मारपीट किये कुछ बच्चों का शांतिभंग में चालान भी हुआ था।
गुरुवार को भी स्कूल के शिक्षकों कि लापरवाही से मामले ने उग्र रुप ले लिया। बुधवार को बच्चों व शिक्षकों के बीच जमकर संघर्ष हुआ जिसमें दो छात्र अभय यादव व अंतिम रेवहारा गांव निवासी घायल हुए हैं। साथ ही कई अन्य छात्रों के भी घायल होने की सूचना है। मौके पर पुलिस को भी स्थिति संभालना मुश्किल हो गया कई बच्चों के चोटिल होने कि सूचना है। बच्चे व अभिभावक प्रथम दृष्ट्या माडर्न पब्लिक स्कूल के शिक्षकों को मामले का दोषी मान रहे हैं। अब देखना यह है कि क्या ऐसे दंगाई विद्यालय बन चुके माडर्न पब्लिक स्कूल पर जिम्मेदार कार्यवाही करेंगे या फिर यूं ही आये दिन जंग का ही मैदान बनता रहेगा।
स्कूल प्रशासन पर समुदाय विशेष को बढ़ावा देने का छात्रों ने लगाया आरोप
स्कूल में पढ़ने वाले छात्रों के मध्य मंगलवार को भी खूनी संघर्ष हुआ था जिसमें माडर्न पब्लिक स्कूल के शिक्षकों द्वारा धर्म व समुदाय विशेष का पक्षपात करने कि बात सामने आई है। यदि सूत्रों कि माने तो अभी तक माडर्न पब्लिक स्कूल का भ्रष्ट तंत्र भले ही मामले को दबाने में लगा रहा हो किन्तु अब इस मामले को बढ़ता देख कुछ संगठनों ने भी इस तानाशाही रवैये पर लगाम लगाने की सोच ली है।
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