धान की रोपाई में किसान का निकल रहा तेल
देवी प्रसाद शर्मा
आजमगढ़। मोबाइल एवं सोशल नेटवर्क के जरिए चारों तरफ बरसात की आस लगाए किसान खेती करने की मंशा पाले हुए हैं लेकिन आज भी लगातार तपती धूप, भयंकर गर्मी जहां पर आम आदमी को कई रोगों को बढ़ावा दे रही है। वहीं पर किसान अब सूखे जैसी स्थिति को झेलने के लिए तैयार है। मीडिया से लेकर अन्य संबंधित संस्थाएं भी मुंह खोलने के लिए तैयार नहीं भले ही भारत के आधे राज्यों में बरसात से चारों तरफ पानी पानी कर दिया हो लेकिन इसकी व्यवस्था आजमगढ़ जिले से लेकर अन्य जिलों में लगातार दुखद स्थिति पैदा करते जा रहा है।
बहुत सी फसलें बरसात होने के बाद किसान बुवाई करके राहत महसूस करता था लेकिन अब की बार बरसात भी इस क्षेत्र में न होने से खेतों की नमी कहीं पर भी दिखाई नहीं दे रही है। उधर मोबाइल एवं अन्य माध्यमों से मौसम विभाग की जानकारी रखने वाले लोग भी पूरी तरह से शांत हो चुके हैं, क्योंकि अब मौसम विभाग भी अब सही जानकारी देने में सक्षम नहीं रहा जिसकी किसान लगातार बार-बार उम्मीद किया करता था। आज लोगों के हाथ में मोबाइल है, उससे भी मौसम विभाग की जानकारी लोग रख लेते थे लेकिन अब उनकी जानकारी भी शायद फेल होती जा रही है। धान की फसलों की हालत इतनी लगातार खराब होती जा रही है। बड़े पैमाने पर धान की रुपाई वाला काम अभी भी बाकी रह गया है, क्योंकि इंद्र देवता अभी भी किसानों के प्रति हमदर्दी नहीं बरत रहे हैं। चारों तरफ खेत खलियान में धूलें उड़ रही हैं। खेतों की इसकी यह बता रही है। मानो लगा रहा हो कि यह मौसम जुलाई का नहीं, बल्कि मार्च और अप्रैल का है। अन्य जगह पर खेत की जैसी भी स्थिति दिखती हो लेकिन इधर खेतों को देखने के बाद हर उम्मीद पर पानी फिरता नजर आ रहा है। बादलों की आवाजाही से उम्मीद तो किसान रखे हुए हैं लेकिन अभी कुछ कहने की स्थिति में नहीं हैै।
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