भोजपुरी समाज को लेकर हुई बैठक में कई मुद्दों पर हुई चर्चा

भोजपुरी समाज को लेकर हुई बैठक में कई मुद्दों पर हुई चर्चा

हैदराबाद। बिहार समाज सेवा संघ के राष्ट्रीय चेयरमैन राजू ओझा के निवास बिहिया प्रखंड के कटेया में भोजपुरी समाज के वरिष्ठ पदाधिकारियों का बैठक हुई जहां सलील गीतकार कुमार, अजय सिंह और प्रमुख साहित्यकार भोजपुरी के मान्यता देईं ए सरकार किताब लिखे वाला राम बहादुर राय भोजपुरी में अश्लीलता खत्म करने के लिए दिन रात मेहनत करने वाले नंद कुमार तिवारी शाहपुर भाग संख्या 3 के जिला पार्षद गंगाधर पांडेय और बिहार समाज सेवा संघ के राष्ट्रीय चेयरमैन राजू ओझा, कृष्णा उपाध्याय, प्रवीण तिवारी, जितेंद्र ओझा, अमित ओझा आदि उपस्थित थे।

बैठक में भोजपुरी पर गहन विचार विमर्श किया गया जिसमें भोजपुरी के संविधान मान्यता को लेकर ठोस कार्य भोजपुरी भाषा भाषी क्षेत्रों में करने का निर्णय लिया गया। क्या कारण है कि अभी तक लगभग 24 करोड़ों भोजपुरी भाषा को बोलने वाले लोगों के साथ लुकाछिपी का खेल चल रहा है? बहुत जरूरी की बात है कि हर तरह से परिपूर्ण है भोजपुरी क्षेत्र के लोग उसके बाद भी भोजपुरी के मान्यता क्यों नहीं मिल रहा है।

भोजपुरी में अश्लीलता खत्म करने के लिए और कौन कन सा कदम उठाया जा सकता है? सलील गीतकार लेखक लोगों को भरपूर सहयोग कैसे दिया जाय। जो भी अश्लील लिखकर के भोजपुरी के संस्कृति को गड्ढा में ढकेल रहा है, उस पर कैसे शिकंजा कसा जाय। गंदा गीत गवनई गाने वाले गायक लोगों का समाज से बहिष्कार किया जाय।
कहा गया कि भोजपुरी गीत संगीत जो लोग अच्छा गाते हैं, उनको समाज में प्रोत्साहित करना चाहिए और हम सभी को सम्मान भी देना चाहिए। बैठक में उपरोक्त बात पर बहुत गहराई से सोच विचार कर यह निर्णय लिया गया। भोजपुरी में अश्लीलता खत्म करने के लिए बीड़ा उठाने वाले निस्पृह भाव से अपने तन, मन, धन को लगाकर नंद कुमार तिवारी ने कहा कि जब 10 वर्ष से हम एक आंदोलन छेड़े हैं।

गंदा गाने वाले लोग के खिलाफ संगठित रूप से एक जन आंदोलन के रूप देने की जरूरत है तब सफल होगा। सफलता भी कुछ मिली है। भोजपुरी क्षेत्र में बिहार सरकार एक आदेश भी जारी किया है। लगभग 5000 से ऊपर सलिल गीत लिखने वाले सलिल गीतकार कुमार अजय सिंह ने कहा कि फूहर गाने वाला लिखे वाला लोग को अब समय आ गया है। कार्यवाही करने का सरकार चिट्ठी तो जारी कर दिया है लेकिन अब भी लड़खड़ाते हैं अश्लीलता गाने वाले लोग एक इस पर ठोस कदम उठाने की जरूरत है। जो भी अच्छा लिख रहा है, गा रहा है भोजपुरी में वैसे लेखक/कलाकार लोगों को ,सम्मानित किया जाय।

कहा गया कि ग्राम समिति की बैठक हरेक 3 माह में होना अनिवार्य होगा। हमरा दॄढ विश्वास है कि इस तरह से काम होगा तो भोजपुरी से अश्लील हरकतें भी खत्म हो सकेंगी और आठवीं अनुसूची में मान्यता हेतु कोशिश भी सफल हो पायेगी। यह कार्य आने वाले लोकसभा चुनाव 2024 से बहुत पहले मतलब जितना जल्दी हो सके करना पड़ेगा।

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