जीवन तो नितान्त अस्थिर होता है…
देखा जाता है संसार के लोगों की
पसंद प्राय: हर पल बदल जाती है,
हमें अपने मुताबिक़ जीना चाहिये,
सबसे पहले ख़ुद खुश रखना चाहिये।
दुनिया के लोग यह तो चाहते हैं कि
हम आप जीवन में कुछ बेहतर करें,
पर यह भी सत्य है, अक्सर लोग नहीं
चाहते कि आप उनसे भी बेहतर करें।
इंसान आज किसी को नकारते हैं,
कल उसको सफल होते देखते हैं,
तो अपने हृदय से न सही, अपने
मुख से तो प्रशंसा करने लगते हैं।
आज का संसार एक नाट्यमंच है,
यहाँ पात्र अद्भुत कलाकार होते हैं,
नाटक देख दर्शक आँसू बहाते हैं,
सच को झूठ का नाटक बताते हैं।
जीवन तो नितांत अस्थिर होता है,
आदित्य हम यह भी भूल जाते हैं,
प्रेम स्नेह व हमारे अपने कर्म ही,
शरीर छूटने के बाद साथ जाते हैं।
कर्नल आदिशंकर मिश्र ‘आदित्य’
जनपद—लखनऊ
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