किरायेदारों से दुकान खाली करवाने के लिए दर-दर की ठोकर खा रहा मकान मालिक
संदीप पाण्डेय
रायबरेली। उत्तर प्रदेश में योगी सरकार भू-माफियाओं के खिलाफ अभियान चला रही हैं। अपराधियों की संपत्ति को नेस्तनाबूद कर रही है लेकिन ऐसे बहुत से मामले हैं जहां पर सीधे साधे लोगों की संपत्ति पर दबंगों ने कब्जा कर रखा है और वह पीड़ित अधिकारियों के चक्कर लगा रहे हैं।
ऐसा ही एक मामला लालगंज का हैं जहां के रहने वाले अनिल गुप्ता 32 महीनों से अपनी दुकान को खाली करवाने के लिए थाने से लेकर जिला अधिकारी की चौखट तक गिड़गिड़ा रहे हैं कि उनकी दुकानों को दबंगों से खाली करवाई जाय। अनिल गुप्ता का आरोप है कि उन्होंने कस्बे के ही रहने वाले दुर्गेश मिश्रा और रामसिंह को रजिस्टर्ड एग्रीमेंट पर दुकान दी थी लेकिन अब दोनों ही किराएदार दुकान खाली करने के लिए राजी नहीं है और उल्टा अनिल कुमार को ही धमका रहे हैं। अपनी फरियाद लेकर पीड़ित युवक थाने से लेकर जिलाधिकारी के चौखट तक कई बार प्रार्थना पत्र दे चुका है। पीड़ित अनिल कुमार गुप्ता के आगे पीछे कोई नहीं है वो अनाथ हैं ऐसे में उसके लिए इस लड़ाई को लड़ना और भी ज्यादा कठिन हो जाता है। सबसे बड़ी बात तो यह है कि अगर रजिस्टर्ड एग्रीमेंट होने के बाद भी प्रशासन पीड़ित मकान मालिक की संपत्ति को खाली नहीं करवा पा रहा है तो रजिस्टर्ड एग्रीमेंट का फायदा क्या हैं? पीड़ित अनिल कुमार ने इस मामले में भाजपा के नेता आशुतोष शुक्ला और विकास शुक्ला का भी नाम लिया है। उसका कहना है कि वह जब अधिकारियों के पास अपनी फरियाद लेकर जाता हैं तो इन दो भाजपा नेताओं का दबाव उनके ऊपर आ जाता है जिसके कारण आज 4 साल से उसका काम नहीं हो पा रहा है। अगर यह बात सही है तो आम जनता को न्याय की गारंटी देने वाली भाजपा सरकार के जिले के नेता पार्टी के दावे पर पलीता लगाते हुए नजर आ रहे हैं।
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