अमृत सरोवर के सुन्दरीकरण के नाम पर हुआ लाखों खर्च
मो. इसराइल
नसीराबाद, रायबरेली। ब्लॉक क्षेत्र के अंतर्गत ग्राम पंचायतों में लाखों रूपए खर्च के बाद भी कई अमृत सरोवरों की स्थिति दयनीय है। सरकार द्वारा वर्षा जल संचित कर भूगर्भ जलस्तर संभालने एवं गांव को जल संपदा में आत्मनिर्भर बनाने के लिए भारत सरकार ने गाइडलाइन जारी किया है। इसमें वर्षा जल को स्वच्छ कर भेजने, बाहरी दूषित पानी को आने से रोकने समेत गर्मी के दिनों सूखने से बचाने के लिए इसे भरने में भूगर्भ जल का प्रयोग नहीं करने इसके आसपास सुंदरता बिखरने, सरोवर की खुदाई, पक्के घाट का निर्माण, चोरों तरफ पौधरोपण, पक्की सीढ़ियां सहित सरोवर में पानी की व्यवस्था कराने को लेकर दिशा निर्देश दिया गया है। ताकि गांव के लोग अमृत सरोवर का लाभ ले सकें। हालत यह है कि सरोवर सूखा पड़ा हैं। इस पर कोई ध्यान देने वाला नहीं है। छतोह ब्लॉक के ग्राम पंचायत सराय में लाखों रुपए से बनाए गए अमृत सरोवर में जिम्मेदारों द्वारा जमकर मनमानी की गई है जहां लाखों रुपए खर्च कर अमृत सरोवर तो बनाया गया है लेकिन अमृत सरोवर में ना तो पानी है और ना ही देखने से लगता है कि इतने रुपए खर्च किए गए हैं। अमृत सरोवर के निर्माण में धांधली का अंदाज़ा इसी बात से लगाया जा सकता है कि सरोवर निर्माण की लागत का जो बोर्ड लगाया गया है उसमें अमृत सरोवर की लागत की धनराशि नहीं लिखी गई है ताकि किसी को पता ना चले की अमृत सरोवर में कितना पैसा खर्च किया गया है।
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