खालसा साजना दिवस पर सजा कीर्तन दरबार, मनायी गयी बैसाखी
खालसा साजना दिवस पर सजा कीर्तन दरबार, मनायी गयी बैसाखी
रागी जत्था ने संगत को किया निहाल
श्रद्धालुओं ने टेका माथा, गुरू का चला अटूट लंगर
अब्दुल शाहिद
बहराइच। नगर स्थित गुरुद्वारा श्री गुरु सिंह सभा पीपल चौराहा में सिखों के पवित्र त्यौहार बैसाखी को बड़ी श्रद्धा और धूमधाम से मनाया गया। इस पर्व को ‘खालसा साजना दिवस’ भी कहा जाता है। सुबह से ही श्रद्धालु गुरुद्वारे माथा टेकने पहुंचने लगे। साथ ही मेदांता लखनऊ से विभिन्न डाक्टरों ने निःशुल्क शिविर का कैंप लगाया।
गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के अध्यक्ष मनदीप सिंह वालिया ने बताया कि जब भी किसी जुल्म, अन्याय, अत्याचार की सीमा पार होती है तो उसे रोकने अथवा उसके उपाय के लिए कोई कारण भी बन जाता है। जब मुगल शासक औरंगजेब द्वारा जुल्म, अन्याय व अत्याचार की हर सीमा लाँघ, श्री गुरु तेग बहादुरजी को दिल्ली में चाँदनी चौक पर शहीद कर दिया गया, तभी गुरु गोविंद सिंह जी ने अपने अनुयाइयों को संगठित कर खालसा पंथ की स्थापना की जिसका लक्ष्य था धर्म व नेकी के आदर्श के लिए सदैव तत्पर रहना। निम्न जाति के समझे जाने वाले लोगों को जिन्हें समाज तुच्छ समझता था, दशमेश पिता ने अमृत छकाकर “सिंह” बना दिया। इस तरह 13 अप्रैल 1699 को श्री केसगढ़ साहिब आनंदपुर में दसवें गुरु गोविंद सिंह जी ने खालसा पंथ की स्थापना कर अत्याचार को समाप्त किया।
उन्होंने सभी जातियों के लोगों को एक ही अमृत पात्र (बाटे) से अमृत चखा आज के दिन ‘पांच प्यारे’ सजाए। ये 5 प्यारे किसी एक जाति या स्थान के नहीं थे, वरन् अलग-अलग जाति, कुल व स्थानों के थे, जिन्हें खंडे बाटे का अमृत चखाकर इनके नाम के साथ ‘सिंह’ की उपाधि लगी। साध-संगत को वाराणसी से आए रागी जत्था भाई रकम सिंह जी,हजूरी रागी भाई फतेह सिंह ने अपने शब्द कीर्तन से निहाल किया, हेड ग्रंथी ज्ञानी विक्रम सिंह ने सरबत के भले की अरदास की उसके उपरांत गुरु का अटूट लंगर चला। गुरुद्वारे परिसर में मेदांता लखनऊ की तरफ से डाक्टरों ने निःशुल्क परामर्श एवं जांच कैंप श्रद्धालुओं के लिए लगाया गया।
इस अवसर पर संरक्षक मनजीत सिंह शम्पी, महामंत्री भूपेंद्र सिंह वालिया, देवेंद्र सिंह बेदी, जगनंदन सिंह, सतिंदर पाल सिंह, माता राज कौर, मीडिया प्रभारी परविंदर सिंह सम्मी, आत्मजीत सिंह, कुलदीप सिंह चावला, पवनप्रीत सिंह, हरमिंदर सिंह, बलजीत कौर, रविंदर कौर, चरनजीत कौर, गुरजीत कौर, गुरबख्श कौर, हरजीत कौर सहित तमाम लोग उपस्थित रहे।
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