खगिया खेड़ा: मौतों का ग़म समेटे मृतक के परिजनों तक नहीं पहुंची मुख्यमंत्री की संवेदना
खगिया खेड़ा: मौतों का ग़म समेटे मृतक के परिजनों तक नहीं पहुंची मुख्यमंत्री की संवेदना
शासन से अब तक नहीं हुई सहायता राशि की घोषणा, मृतक परिवारों के लिए चिंता का विषय
सपा मुखिया अखिलेश यादव ने मृतक परिवारों को 1 लाख व घायलों को दिया 20 हजार
11 जनवरी चाय की गुमटी में घुसा था अनियंत्रित डम्फर, अब तक 7 की हो चुकीं मौत
अनुभव शुक्ला
गुरबक्शगंज, रायबरेली। वह दृश्य भयावह था, चारों तरफ किलकारियां गूंज रही थी। हर कोई ग्रामीण मदद की गुहार लगा रहा था। जिले के आला अधिकारी मौके पर पहुंच सांत्वना दे रहे थे। एक-एक कर लाशों को किनारे लगाया जा रहा था। हर तरफ पूरे जनपद में सिर्फ एक ही मामले की चर्चा हो रही थी वह था खड़िया खेड़ा गांव का ट्रक हादसा।
जी हां, हम उसी भींषण सड़क हादसे की बात कर रहे हैं जिस भीषण सड़क हादसे में तेज रफ्तार अनियंत्रित ट्रक ने गुमटी में चाय की चुस्की ले रहे एक दर्जन लोगों को रौंदते हुए उफनाती नहर में जा घुसा। कुछ लोग तो अभी जिंदगी और मौत से जूझ रहे हैं किंतु अब तक उस हादसे में 7 लोगों की दर्दनाक मौत हो चुकी है परंतु सवाल अब यहां इस लिए खड़ा हो रहा है कि जब लखनऊ से चलकर शनिवार को सत्ताधारी पार्टी के प्रबल विपक्ष समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने मृतक के परिजनों को 1-1 लाख रुपए देने की घोषणा की जिसके तुरंत बाद सोमवार को सचेतक दल मौके पर पहुंच मृतक के परिजनों को 1-1 लाख रुपए व घायलों को बीस बीस हजार रुपए की चेक सौंप कर मानवता की मिशाल पेश की।
वहीं अखिलेश यादव ने ट्वीट कर सरकार से सातों मृतक परिवारों को 20—20 लाख रुपए की दिये जाने की मांग भी किया है किंतु अब सवाल यहां पर खड़ा होता है कि सूबे के मुख्यमंत्री स्तर से शासन द्वारा 7 मौतों का ग़म झेल रहे मृतक परिवारों को घटना को घटित हुए लगभग 7 दिन बीतने के बाद भी मदद की आस लगाए बैठे खड़िया खेड़ा के मृतक परिजनों को शासन स्तर से मदद की आस है किंतु वह आस अब टूटती नजर आ रही है। आखिर सबका साथ सबका विकास करने वाली सरकार की दया दृष्टि इन निहायत गरीब मृतक के परिजनों पर क्यों नहीं पड़ रही है यह एक सबसे अहम सवाल बना हुआ है।
कहीं भाजपा विधायक न बन पाने की खुन्नस से तो नहीं हो रहा भेदभाव?
अब तक में सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी से जिले के एमएलसी व तेज—तर्रार राज्यमंत्री दिनेश प्रताप सिंह तथा सदर विधायक आदिति सिंह ने मृतकों के परिजनों के बीच पहुंचकर दुख दर्द को साझा किया व यथासंभव मदद भी किया किंतु इतना बड़ा विभत्स हादसे में शासन व मुख्यमंत्री द्वारा सहानुभूति न मिलने से कयास लगाया जा रहा है की बीते वर्ष विधानसभा चुनाव में विधानसभा से बीजेपी प्रत्याशी को हार का मुंह देखना पड़ा था कहीं उसी खुन्नस में मृतक के परिजनों के साथ भेद-भाव तो नहीं हो रहा है।
तेजस टूडे परिवार की संवेदना सातों मृतक के परिजनों के साथ
यूं तो जिले में हुए इस विभत्स हादसे की खबरें लगातार अखबार व चैनलों के सुर्खियों में रही किंतु तेजस टूडे हिंदी दैनिक अखबार की टीम ने घटना होने से लेकर अब तक में गरीब सात मृतकों को यथा संभव मदद दिलाने की मुहीम छेड़ रखा है। बीती 11 जनवरी को हादसे के बाद से लेकर अब तक में एक एक तथ्यों उजागर करने में तेजस टूडे हिंदी दैनिक अखबार की टीम डंटी हुई है।
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