श्रमशक्ति से तरूणमित्र को महा​शक्ति बनाने वाले कैलाशनाथ ने दुनिया को कहा अलविदा | #TejasToday

श्रमशक्ति से तरूणमित्र को महा​शक्ति बनाने वाले कैलाशनाथ ने दुनिया को कहा अलविदा | #TejasToday

जौनपुर (टीटीएन)। अपने श्रम से फर्श से अर्श तक पहुंचने वाले और अपने मेहनतकश सोच, लगन, तपस्या, अभियान के बलबूते एक से शुरूआत करके आज आधा दर्जन संस्करणों को खड़ा करने वाले समूह सम्पादक कैलाश नाथ विश्वकर्मा 1 मई रविवार को यानी श्रम दिवस (मजदूर दिवस) के ठीक दूसरे दिन ​दुनिया को अ​लविदा कह दिया। मालूम हो कि जौनपुर से प्रकाशित होने वाले प्रथम समाचार पत्र समय में श्रमदान करने वाले कैलाशनाथ जी अपने स्वयं के बलबूते से तरूणमित्र नामक समाचार पत्र शुरू किया जो आज जौनपुर से प्रका​शित समाचार पत्र की पंक्ति में सबसे आगे खड़ा नजर आता है। परिवार में बच्चों के आने एवं जिम्मेदार होने के नाते तरुणमित्र को हिन्दी—उर्दू मिलाकर आधा दर्जन की संख्या में खड़ा जिसकी जिम्मेदारी कैलाशनाथ जी ने अपने पुत्रों (योगेन्द्र कुमार व आदर्श कुमार) के साथ परिवार के अन्य सदस्यों को भी जिम्मेदारी दिया। ऐसे बुनियादी सोच वाले कैलाशनाथ जी ने रविवार को दुनिया को अलविदा कह दिया। जिसकी जानकारी होने पर परिवार के साथ पूरे पत्रकारिता जगत के अलावा अन्य लोगों में शोक की लहर दौड़ गई। महामहिम राज्यपाल के हाथ पूर्वांचल रत्न से सम्मानित श्री विश्वकर्मा का अंतिम संस्कार नगर के उस राम घाट पर हुआ जहां श्री विश्वकर्मा ने असहाय सहायता समिति के बैनर तले हजारों मृत लावारिश शरीरों का अंतिम संस्कार करवाया। 85 वर्ष की अवस्था में शरीर त्यागने वाले श्री विश्वकर्मा अहियापुर के ​मूल निवासी थे जो अपने पीछे दो पुत्रों सहित नाती—पोतों का भरा पूरा परिवार छोड़ दिये। श्री विश्वकर्मा के निधन पर तेजस परिवार से जुड़े स​भी लोगों ने दिवगंत आत्मा की शा​न्ति के लिए ईश्वर से प्रार्थना की है।

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