गरीबों की आवाज उठाने वाले पत्रकार कभी लोगों के दिल से दूर नहीं हो पाते: आशुतोष

गरीबों की आवाज उठाने वाले पत्रकार कभी लोगों के दिल से दूर नहीं हो पाते: आशुतोष

देवी प्रसाद शर्मा
आजमगढ़। आज की पत्रकारिता समाज के लिए भले ही कोई खास असर न छोड़ पायी हो लेकिन उसका महत्व उस व्यक्ति से पूछा जाए जिसने अपना सब कुछ दांव पर लगाकर भी सार्थक परिणाम नहीं पाया लेकिन उन पत्रकारों की महानता को देखिए जिसने अपनी कलम को दांव पर लगाकर उस पीड़ित परिवार को न्याय दिलाने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी पत्रकारों में दो लोगों का नाम हमेशा याद किया जाता रहेगा जिसमें मुख्य रूप से महंत गिरिजा दास,वीरेंद्र तूफान को भुलाया नहीं जा सकता।
इस मौके पर पत्रकारिता क्षेत्र की अलग पहचान रखने वाले आशुतोष द्विवेदी खुद कहते हैं कि जब पीड़ित व्यक्ति का पुलिस, प्रशासन और नेता से विश्वास उठता है तो सब की निगाहें सहज ही पत्रकार बंधुओं पर पड़ जाती है। ऐसे में पत्रकार बंधु पीड़ित को न्याय दिलाने के लिए खुद जिम्मेदारी उठाकर जो परिणाम सामने लाते हैं। आज के दौर में वास्तव में वही पत्रकार कहलाने लायक होते हैं तभी तो आशुतोष द्विवेदी बताते हैं कि पत्रकारिता को अपने ही अंदाज में जीने वाले दो मूर्धन्य पत्रकारों के निधन से पत्रकारिता जगत में खामोशी का माहौल है।
श्री द्विवेदी ने कहा कि उन दो पत्रकार साथियों के निधन से जो कमी है, उसको तो पूरा नहीं किया जा सकता लेकिन एक प्रयास किया जा सकता है। हमारे पत्रकार साथी अपनी जिम्मेदारी और ईमानदारी से इस क्षेत्र में एक संकल्प ले की अपनी कलम के माध्यम से पीड़ित को न्याय दिलाने का प्रयास करें जिससे हमारी अस्मिता भी सुरक्षित रहे और आम आदमी का भरोसा बना रहे तभी दिवंगत पत्रकार बंधुओं की आत्मा को शांति मिलेगी और सही रूप में यही उनके लिए सच्ची श्रद्धांजलि होगी। उन्होंने कहा कि अपने संसाधन से गरीब, मजदूर और मजलूमों की आवाज प्रशासनिक हलकों में हमेशा बुलंद करने वाले दो मूर्धन्य पत्रकारों का जीवन काल आने वाली पीढ़ियों के लिए अनुकरणीय बना रहेगा।
इसी क्रम में उन्होंने जर्नलिस्ट क्लब के उपाध्यक्ष सचिन श्रीवास्तव के पिता मदन मोहन श्रीवास्तव के निधन को अपूरणीय क्षति बताते हुए कहा कि यह जनरलिस्ट क्लब परिवार के लिए एक आघात है।
कार्यक्रम में जर्नलिस्ट क्लब के उपाध्यक्ष सचिन श्रीवास्तव ने दिवंगत आत्माओं के लिए श्रद्धांजलि और पुष्पांजलि अर्पित करते हुए कहा कि पिता का निधन उनके लिए व्यक्तिगत क्षति है लेकिन दो मूर्धन्य पत्रकारों का ना होना समाज के लिए अपूरणीय क्षति है। श्रद्धांजलि सभा को रतन प्रकाश त्रिपाठी, मनीष पांडेय, उमेश राय, गौरव श्रीवास्तव, प्रीतेश्वर कुमार शिबू, नागेंद्र वर्मा, संतोष गोलवारा, शैलेंद्र शर्मा, सौरभ उपाध्याय, पंचानंद तिवारी, प्रशांत राय, सृजन पांडेय, राजेश पाठक सहित तमाम पत्रकार उपस्थित रहे।

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