JAUNPUR NEWS : अस्थायी गौशाला की सच्चाई दिखाना पत्रकार को पड़ सकता है भारी

JAUNPUR NEWS : अस्थायी गौशाला की सच्चाई दिखाना पत्रकार को पड़ सकता है भारी

उपजिलाधिकारी ने बताया— होगी कार्यवाही
एसडीएम केराकत व पत्रकार के साथ हुई नोक—झोंक का वीडियो तेजी से हो रहा वायरल
विनोद कुमार
केराकत, जौनपुर। स्थानीय क्षेत्र के पेसारा गांव में स्थित अस्थाई गौशाला का समाचार कवरेज करने मंगलवार की दोपहर पहुंचे एक यू—ट्यूब चैनल के पत्रकार आदर्श मिश्रा जब गौशाला पहुंचे तो वहां की भयावह स्थिति देख दंग हो गए। 2 गौवंश गौशाला में मृत पड़ी थी।

2 अंतिम सांसे ले रही थी और बाहर गौवंश का शरीर सड़ कर बदबू कर रहा था जिसके बाद पत्रकार ने उपजिलाधिकारी नेहा मिश्रा को टेनीफोनिक वार्ता कर गौशाला की बद से बदतर स्थिति व गौशाला में मृत पड़े शव व गड्ढे में पशुओं को फेक मिट्टी नहीं डालने को लेकर उपजिलाधिकारी नेहा मिश्रा को जानकारी दी। इस पर वह स्वयं पत्रकार से ही गाय पर मिट्टी डालने के लिए बात करने लगीं। फिर थोड़ी देर बाद दोनों में नोक—झोंक होने लगी।

अगली सुबह पत्रकार दोबारा गौशाला पहुंच गड्ढे में पड़े पशुओं के शव पर मिट्टी डाल गड्ढे को पाटकर यह बताया कि ये कार्य हमारे मूल कर्तव्य में शामिल है। अच्छा होता यदि एसडीएम साहिबा इस पर संज्ञान लेतीं। बहरहाल वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल है जिसके बाद स्थानीय प्रशासन में हड़कंप मचा हुआ है।

कथित पत्रकार उच्चाधिकारी, तहसील व ब्लॉक की छवि खराब कर रहे: उपजिलाधिकारी
वायरल वीडियो को लेकर जब उपजिलाधिकारी नेहा मिश्रा से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि मामला यह है कि एक कथित पत्रकार जो पत्रकार न होकर एक यूट्यूबर है, ने हमें फोन किया तो पहले इनकी जिम्मेदारी बनती थी कि पहले ब्लॉक पर बताये, क्योंकि गौशाला का जो संचालन होता है, वह ब्लॉक से बीडीओ के स्तर से होता है। चलिए हमें आपने बताया। हमने तुरंत बोला कि बीडीओ से बात नहीं हुई है। रुकिए तुरंत बोलती हूं। तुरंत वह भेजेंगे। तब तक वह उत्तेजित होकर बोलते हैं कि आप यहां आ जाइए। हम गड़वाते हैं।

पूरा वीडियो देखे होंगे या देख लीजिएगा तो उसमें एक भी ऐसी जगह नहीं दिखी जहां कोई आपत्तिजनक हमारे स्तर से लगा हो। जहां हम बोल सके जो सुधारने की आवश्कता हो। गलत बात यह है कि जो गायों को इतने संवेदनशील मुद्दे को उठाकर उच्चाधिकारी की तहसील की व ब्लॉक की जो छवि खराब की जा रही है। यह बहुत ही ज्यादा दयनीय स्थिति है तो मैं इसमें सोचती हूं कि प्रेस विज्ञप्ति निकलवायेंगे, क्योंकि ऐसे लोग है जो सूचना विभाग से रजिस्टर्ड हैं एवं जो गलत अफवाएं फैलाकर मसालेदार खबर छपवाने चाहिए। उसके नाम से ये लोग पैसा लेने की जो प्रवृत्ति चल रही है, वहां के प्रधान सहित काफी लोगों ने बताया कि वहां पर पैसों की मांग चल रही है। वह भी मुद्दा वहां का था। इसके खिलाफ मैं विधिक कानूनी कार्यवाही करूंगी।

जाति न पूछो साधु की, पूछ लीजिए ज्ञान: आदर्श
पत्रकार आदर्श मिश्रा ने पूछे जाने पर कहा कि काश! एसडीएम साहिबा अपना जिम्मेदारी समझती और संविधान के 42वें संशोधन में जोड़े गए मौलिक कर्तव्यों को समझती तो ऐसा नहीं कहतीं। तहसील की मालिक होने के हैसियत से उनका फर्ज था कि मरती गायों को बचाने का तथा खुले में पड़े मृत गौवंश को ढकवाने का, ताकि आम नागरिक खुली हवा में सांस ले सके लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया।

यदि हम सच दिखाएंगे या सवाल करेंगे तो वह हमें कथित पत्रकार की संज्ञा देंगी। खैर उनकी जानकारी के लिए बता दूं कि हम MSME में रजिस्टर्ड हैं और MCA में भी दर्ज है। ट्रेडमार्क भी आवेदित है। मेरे ऊपर कार्यवाही करने से अच्छा होता कि आप वहां जाकर वहां की दयनीय स्थिति पर कार्यवाही करतीं तो वहां काम कर रहे लोग पीड़ित नहीं होते। यदि कोई साक्ष्य है जिससे ये प्रतीत होता है कि मैं स्वयं कोई पैसा का मांग किसी से किया हूं तो बेशक मेरे ऊपर कार्यवाही करें। ये झूठा आरोप न लगायें। एक जिम्मेदार पद पर आसीन अधिकारी के मुंह से ऐसी बातें अशोभनीय है।

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