बारिश में ऐसे सड़कों पर कैसे चले ग्रामीण? जिम्मेदार हैं मौन
ग्राम प्रधान, स्थानीय प्रशासन व जनप्रतिनिधि से कई बार की गयी शिकायत
विनोद कुमार
केराकत, जौनपुर। पिछले 8 वर्षों से विकास के दावों की पोल खोलता विकास खंड केराकत के ग्राम देवनाथपुर के कच्चे मार्ग का यह दृश्य आज भी प्रासंगिक है। मन को यह दुसह अनुभूति देकर चुप रह लेते हैं कि जब वर्तमान भाजपा समर्थित राष्ट्रपति प्रत्याशी द्रौपदी मुर्मू के गांव में आजादी के 75 वर्ष बाद अब तक बिजली नहीं पहुंची तो हमारे ग्रामीण इलाकों की यह जर्जर हालत तो बहुत छोटी समस्या है पर फिर भी लगातार स्थानीय प्रशासन, स्थानीय सांसद माननीय बीपी सरोज, पूर्व विधायक दिनेश चौधरी और वर्तमान विधायक तूफानी सरोज, ग्राम प्रधान समेत सरकार के सभी आला स्थानीय अधिकारी आदि से शिकायत करते करते आलम यह हो गया कि इस पर ध्यान देना तो दूर कोई भी जनप्रतिनिधि या अधिकारी इस रास्ते देवनाथपुर गांव के खस्ताहाल मार्ग के हालतों और ग्रामीणों के समस्याओं के निरीक्षण हेतु भी गांव में कदम नहीं रखा। अब बरसात का मौसम यह बताने को पर्याप्त है कि विकास किस कदर ग्रामीण क्षेत्रों पर हावी है। मुद्दा उठता रहा है।
अखबारों और सुर्खियों की जरिए किंतु उत्तर प्रदेश लोकनिर्माण विभाग से लेकर स्थानीय ग्रामीण विकास विभाग भी इस मुद्दे पर चुप्पी साधे हैं। विकास की पोल खोलता यह जर्जर मार्ग का मुद्दा और सड़को के नाम पर वोट मांगने वाले जनप्रतिंनिधियों के लिए इससे ज्यादा शर्मनाक बात और क्या होगा। आज पुनः उक्त मुद्दे पर चर्चा शुरू है और उम्मीद करेंगे कि वर्तमान सरकार के विकास के दावों को जमीनी स्तर पर लागू करने के लिए स्थानीय प्रशासन और जनप्रतिनिधि उक्त प्रकरण को संज्ञान में लेकर तत्काल कोई वैकल्पिक व्यवस्था करेंगे, ताकि विकास खंड केराकत के देवनाथपुर के ग्रामीणों को बरसात में दुरूह आवागमन के समस्या से निजात मिल सकें।
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