Jaunpur News : जन—जन को संवैधानिक मूल्यों को आत्मसात करने की जरूरत
Jaunpur News : जन—जन को संवैधानिक मूल्यों को आत्मसात करने की जरूरत
साझी विरासत को सहेजने के लिये कवि गोष्ठी आयोजित
आनन्ददेव यादव
जौनपुर। इंस्टीट्यूट फार सोशल डेमोक्रेसी नई दिल्ली की ओर से कवि गोष्ठी का आयोजन रामेश्वर शिशु विहार रसमंडल में हुआ जहां सभी ने एक—दूसरे को बधाई देते हुये संवैधानिक मूल्यो पर आधारित एक गतिविधि कराकर व उसपर बड़े समूह में चर्चा किया। समता, स्वतन्त्रता, न्याय और बन्धुत्व की समझ विकसित की गई।
इस मौके पर मंजू शास्त्री एडोकेट ने कहा कि आज सबसे ज्यादा ज़रूरत शिक्षा की है। यदि शिक्षा पर हमला हो रहा है तो संविधान पर हमला है। भारत प्रसाद अटल ने कहा कि आज संविधान को मानने व न मानने की लड़ाई है। संजय उपाध्या ने कहा कि भेदभाव को मिटाने की शुरुआत घर से ही करनी होगी।
ज़ुबेर अदिल अध्यक्ष बुुन्कर सेवा समिती ने कहा कि संविधान तभी अच्छा होगा जब उसे मानने वाले लोग अच्छे होंगे जब हम नई चीज़ पढ़ेंगे जानेंगे तब एक अच्छे नागरिक बन पायेंगे। नीलम, शिल्पा, नेहा, रूपाली, गीतांजलि, प्रिंस ने अपने अनुभव साझा किए। अगले सत्र में कवि गोष्ठी अजय कुमार की अध्यक्षता में हुई जहां कारी जिया जौनपुरी ने नात पढ़कर शुरूआत की। साथ ही कहा कि शिराजे हिन्द शाहेजहा ने जिसे कहा वह मेरा जौनपुर है।
आरपी सोनकर ने अपनी रचना पढ़ी- तुम मुझे चाहो न चाहो मै तो चाहूंगा तुझे, रूठ भी जाओगे तो हॅंसकर मनाऊंगा तुझे। अमृत प्रकाश- ऐसे अपना वतन महकता है जैसे कोई चमन महकता है। अहमद अज़ीज, अकरम जौनपुरी, लाल प्रकाश राही, ने अपने-अपने कलाम पेश किये। निसार अहमद खान व सुफियान अहमद ने धन्यवाद ज्ञापित किया।
इस अवसर पर अमीनुद्दीन, तारिक शफीक, शेर बहादुर, अब्दुल्लाह फारूक, रामचन्द्र यादव, शोभना स्मृति, आफताब आलम, मो नौशाद, ज्योतिका श्रीवास्तव, दीपा विश्वकर्मा, बीनू, शिल्पा प्रजापति, प्रिन्स श्रीवास्तव, मनोज कुमार, प्रभा देवी, मुसा, हाफिज़ लईफ, मो अकरम, वीरसेन प्रताप सहित तमाम लोग मौजूद रहे।
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