Jaunpur News : दाखिल-खारिज का समय पूरा होने के बाद भी लेखपाल ने नहीं दी रिपोर्ट
रिपोर्ट देने में हमेशा हीला-हवाली करते रहते हैं लेखपाल
मछलीशहर, जौनपुर। स्थानीय तहसील में कार्यरत महिला व पुरूष लेखपाल हमेशा पैसे के ही इन्तजार में लगे रहते हैं। इन दिनों इसी तरह का एक मामला प्रकाश में आया है। भावना ओझा नामक लेखपाल के हल्के की एक तरमीन की पत्रावली गुलाबी बनाम समई ग्राम सरायमलिक गद्दो में दाखिल खारिज की आखिरी तारीख 19 अप्रैल थी।
समय पूरा होने के बाद भी अभी तक महिला लेखपाल ने फाइल में रिपोर्ट नहीं दी जबकि रजिस्ट्रार कानूनगो हरिनाथ मौर्य ने लेखपाल को बार-बार कहा कि उक्त फाइल का मौका मुआयना करके रिपोर्ट दे दीजिये लेकिन महिला लेखपाल के कानों में जूं तक नहीं रेंगी। उक्त मामले को लेकर अधिवक्ताओं का एक समूह तहसीलदार सुदर्शन कुमार से मिला तो उन्होंने हमेशा की तरह लेखपाल के ऊपर कार्यवाही करने के बजाय एक बार फिर से आश्वासन देकर सभी को वापस कर दिया। सूत्रों की मानें तो उक्त महिला लेखपाल अपने हल्कावासियों के साथ रजिस्ट्रार काननूगो का भी फोन नहीं उठातीं और न ही जल्दी तहसील आती हैं।
यही नहीं, तमाम महिला लेखपाल अपने क्षेत्र में न जाकर सहयोगी लेखपालों द्वारा मौका मुआयना करवाती हैं। इनमें से एक महिला लेखपाल मीनू केसरवानी भी हैं। कुछ इसी तरह के कृत्यों के लिए वह भी जानी जाती हैं। उक्त महिला लेखपाल हमेशा अपने इसी प्रकार के कृत्यों से चर्चाओं में रहती हैं। इसके बावजूद भी उक्त महिला लेखपाल के सुपीरियर अधिकारी लेखपाल के खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं कर रहे हैं। ऐसे में लोगों द्वारा यह कहते सुना जा रहा है कि उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी की सरकार भले हो और वह चाहे कितने दावे कर ले लेकिन जबत क अपने मातहत अधिकारियों और कर्मचारियों के नकेल नहीं लगायेगी, तब तक सरकारी कार्यप्रणाली में सुधार लाना मुश्किल ही प्रतीत हो रहा है।
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