JAUNPUR NEWS : आशा आंगनवाड़ी व एएनएम को दिया गया एचबीवाईसी प्रशिक्षण

JAUNPUR NEWS : आशा आंगनवाड़ी व एएनएम को दिया गया एचबीवाईसी प्रशिक्षण

महेश पाल/राजन मिश्रा
मड़ियाहूं, जौनपुर। स्थानीय सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अंतर्गत मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ लक्ष्मी सिंह के निर्देशन में मड़ियाहूं ब्लाक की आशा, आशा संगिनी आंगनबाड़ी और एएनएम को होम बेस्ड केयर फॉर यंग चाइल्ड (एचबीवाईसी) कार्यक्रम का प्रशिक्षण विगत 21 मई से 19 जून तक दिया गया जिसमें कुल 438 प्रतिभागियों को प्रशिक्षित किया गया। इस प्रशिक्षण से आशाएं गृह आधारित छोटे बच्चे की देखभाल कर उचित सेवाएं प्रदान करेंगी।

बचपन में होने वाली बीमारियों विशेषकर डायरिया और तीव्र श्वसन संक्रमण निमोनिया, एनीमिया आदि बीमारियों को कम करने का तरीका अपनाकर, पोषण स्तर में सुधार लाकर, बच्चों के समुचित आरंभिक बाल विकास को सुनिश्चित कराएंगी।
वरिष्ठ प्रशिक्षक डॉ एके त्रिपाठी निदेशक अभिनव सेवा संस्थान ने बताया कि बाल मृत्यु दर कम करने में यह प्रशिक्षण मील का पत्थर साबित होगा। इस प्रशिक्षण के बाद आशा, आंगनवाड़ी, एएनएम और आशा संगिनी संयुक्त रूप से बच्चों के समुचित पोषण के लिए सामग्री देते हुए उनकी वृद्धि की निगरानी करेंगे और बीमार बच्चों को खतरे के लक्षण के आधार पर हॉस्पिटल जाने हेतु संदर्भित करेंगी।

डा. त्रिपाठी ने बताया कि आशाएं पहले से ही एचबीएनसी कार्यक्रम के अंतर्गत नवजात शिशु और माताओं की देखभाल के लिए जन्म से 42 दिन तक सात बार गृह भ्रमण करती थी और आवश्यक सेवाएं प्रदान करती थी। अब इस एचबीवाईसी कार्यक्रम में 15 माह तक के बच्चों की देखभाल, पोषण, टीकाकरण और उनके शारीरिक और मानसिक विकास की निगरानी करने हेतु तीसरे माह, छठवें माह, 9 माह 12 माह और 15 माह में गृह भ्रमण कर घर पर ही बच्चे को आवश्यक सेवाएं प्रदान करेंगी। इसके लिए आशाओं को प्रति शिशु 250 की प्रोत्साहन राशि भी दी जाएगी।

आंगनवाड़ी बच्चों का 3 वर्ष तक प्रत्येक माह वजन लेकर मदर चाइल्ड प्रोटक्शन कार्ड में दर्ज करेंगी और 3 माह के अंतराल पर लंबाई नाप कर उसे भी दर्ज करेंगी जिससे पता चल सकेगा कि बच्चे की उम्र के मुताबिक वजन और लंबाई बढ़ रही है कि नहीं। इससे विकास में विलंब बच्चों की पहचान हो सकेगी इसके लिए आंगनबाड़ी उन्हें पोषाहार भी वितरित करेंगी।

कार्यक्रम के समापन पर राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के डिस्ट्रिक्ट प्रोजेक्ट मैनेजर सत्यव्रत त्रिपाठी ने आशाओं से अपील किया कि आशाएं अपने क्षेत्र के हर बच्चों को 6 माह तक केवल स्तनपान कराने हेतु माताओं को जागरूक करेंगे और 6 माह पूर्ण होने पर पोषक तत्वों से युक्त पूरक आहार देना प्रारंभ करने की सलाह देंगी। बच्चों को पूरक आहार देते समय ध्यान देने योग्य पांच महत्त्वपूर्ण बातें गाढापन, सघनता, विविधता, मात्रा और आवृत्ति का ध्यान रखेंगे। साथ ही 2 वर्ष तक स्तनपान जारी रखने को भी ही बताएगी। इससे बच्चों के शरीर और मस्तिष्क का समुचित विकास हो सकेगा और एक स्वस्थ समाज का निर्माण होगा।

प्रशिक्षक के रूप में डॉ मुकुंद लाल भारती चिकित्सा अधिकारी, डॉ अशोक त्रिपाठी, मास्टर ट्रेनर अच्छे लाल और राजेंद्र विक्रम सिंह स्वास्थ्य शिक्षा अधिकारी ने योगदान दिया। प्रशिक्षण का संचालन सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मड़ियाहूं के अधीक्षक डॉ एमएस यादव ने किया जिन्होंने समापन पर सभी के प्रति आभार व्यक्त करते हुए आशाओं को हर संभव सहायता देने का आश्वासन दिया। प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र वितरण के साथ कार्यक्रम संपन्न हुआ। कार्यक्रम में वंदना मिश्रा बीसीपीएम, नवीन भटनागर ब्लॉक अकाउंट मैनेजर, उदयभान यादव फार्मेसिस्ट, रोहित सोनकर का योगदान सराहनीय रहा।

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