ऊंचाहार एसओ के संरक्षण में होता है अन्तरराष्ट्रीय गांजा तस्करी: प्रेम प्रकाश
ऊंचाहार एसओ के संरक्षण में होता है अन्तरराष्ट्रीय गांजा तस्करी: प्रेम प्रकाश
पत्नी को लेकर एसपी कार्यालय पहुंचे एसआई ने पुलिसिया भ्रष्टाचार की खोली पोल
आवाज उठाने पर कुत्तों से कटवाया, जारी की परनिंदा प्रविष्टि, अब कर दिया लाइन हाजिर
खाकी ही बनी खाकी की दुश्मन, एसआई को पत्रकारों के सामने से खींच ले गयी एसओजी
अनुभव शुक्ला
रायबरेली। जिले में इन दिनों पुलिसिया संरक्षण में भ्रष्टाचार किस हद तक फल फूल रहा है, उसकी पोल कोई और नहीं बल्कि रायबरेली पुलिस के ही एक एसआई अपनी पत्नी के साथ मे एसपी कार्यालय पहुंचकर खोल दी जिससे पुलिस महकमे में हड़कंप मचा गया। एसआई को आनन फानन में बयान देने के दौरान पत्रकारों के सामने से ही एसओजी व सदर कोतवाली पुलिस खींच ले गई।
इस नजारे को देखकर हर कोई दंग हो गया। जी हां, ये वही एसआई प्रेम प्रकाश सिंह हैं जो बीती 17 जनवरी को जिले के पुलिस के मुखिया पर आरोप लगाते हुए इस्तीफा लिखा था जो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था। जिसे मीडिया सेल ने नकारते हुए पुलिस महकमे की नाक बचाई थी। इतना ही नहीं, बीते शुक्रवार को सलोन थाना में तैनात रहे एस आई प्रेम प्रकाश अपने ही तैनाती के थाना पर जबरन बैठाकर रखने के कुछ घंटों बाद उसे लाइन हाजिर कर दिया गया।
शनिवार को एसपी कार्यालय पहुंचकर कहा कि लालगंज एसओ शिवशंकर सिंह जब ऊंचाहार थानाध्यक्ष थे तब उच्चाधिकारियों के संरक्षण में सफीसपुर के एक प्रधान की मिली भगत से अंतरराष्ट्रीय गांजा तस्करी करते थे, उसके बाद एसओ संजय त्यागी के आने पर कुछ अंकुश लगा। वहीं ऊंचाहार एसओ बालेंदु गौतम के आने पर फिर से यह खेल शुरू हो गया। वहीं एसआई प्रेम प्रकाश ने बताया की पिछले वर्ष मेरे वेतन से आयकर का 36 हजार रुपए कटा था किंतु इस बार पुलिस अधीक्षक कार्यालय के ओपी बाबू ने मिलकर 80 हजार रुपए मेरे वेतन से काट लिए।
इतना ही नहीं, जिम्मेदारों पर लगभग 10 करोड़ रुपए के गबन का भी आरोप लगाया है। हद तो तब पार हुई जब एसआई प्रेम प्रकाश ने इस बयान में जनवरी माह में वायरल उस इस्तीफे पत्र का जिक्र करते हुए बताया कि हमें दस दिनों की छुट्टी पर भेजा गया कि किंतु सुलहनामा होने के बावजूद परनिंदा प्रविष्टि जारी किया गया। लालगंज सर्किल से भी ऊंचाहार एसओ शिवशंकर सिंह के संरक्षण में उत्पीड़न किया गया।
हो कुछ भी किंतु जिस तरह से एसआई प्रेम प्रकाश चीखकर पुलिस महकमे को चिल्ला रहे हैं और जिले का पुलिस महकमा आवाज को दबाने में लगा हुआ है, उससे कहीं न कहीं साफ तौर पर पुलिस महकमे के उच्चाधिकारियों के भ्रष्टाचार में संलिप्त होने की साफ तौर पर बू आ रही है।
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