राष्ट्रवादी समाजसेवी के घर में राष्ट्रीय ध्वज का अपमान
राष्ट्रवादी समाजसेवी के घर में राष्ट्रीय ध्वज का अपमान
संदीप पाण्डेय
रायबरेली। राष्ट्रीय पर्व पर कभी भी आम नागरिकों को अपने घर पर तिरंगा लगाने का सम्मान प्राप्त नहीं हुआ। इस बार यह अधिकार सरकार ने आम नागरिकों को दिया जिसका सभी ने सम्मानपूर्वक पालन किया। खुद को राष्ट्रवादी बताने और समाजसेवी बनकर घूमने वाले लोगों को राष्ट्रीय ध्वज अधिनियम का ज्ञान नहीं रहा। इंदिरा नगर में समाजसेवी राकेश कक्कड़ का घर है, यह राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़े हैं।
साथ ही रोटरी क्लब, भारत विकास परिषद और अन्य कई सामाजिक संगठन का संचालन करते हैं। इनके घर पर लगा तिरंगा इस बात का प्रमाण है कि उनके मन में राष्ट्रीय ध्वज के प्रति कितना सम्मान है। इनके घर में लगे तीन तिरंगो को देखकर इस बात का अंदाजा लगाया जा सकता है कि यह समाजसेवी होने के साथ राष्ट्रीय ध्वज के प्रति कितना गंभीर है। सरकार के द्वारा प्रचार-प्रसार भी किया जा रहा है कि तिरंगे को सम्मान से रखें ये आपका राष्ट्रीय ध्वज है। फ्लैग एक्ट भी इसके लिए बना हुआ है लेकिन खुद को सामाजिक कार्यकर्ता राष्ट्रीय हितों का चिंतक, विचारक और समाज का मार्गदर्शक कहने वाले लोगों के घर में तिरंगे का ऐसा अपमान होगा तो समाज को शिक्षा कौन देगा?
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