पिता का मृत्यु प्रमाण-पत्र बनवाने के लिये दर-दर भटक रही मासूम बेटी | #TejasToday
वायरल वीडियो में डॉक्टरों के बर्ताव और लापरवाही की खोली पोल
जयेश बादल
ललितपुर। कोरोना संक्रमण से हुई पिता की मौत के बाद अस्पताल में तैनात डॉक्टरों की लापरवाही और झूठ बोलने की कहानी एक बेटी ने बयां की तो सुनने बालों की आंखों में आंसू आ गए, क्योकि इसकी दास्तां में धरती के भगवान का बदसूरत झूठा चेहरा उजागर हुआ है।
उसका यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ तो उच्च अधिकारियों से लेकर निचले स्तर तक हड़कंप मच गया, हालांकि डॉक्टरों की इस तरह की हरकत की शिकायत मृतक की बेटी ने जिलाधिकारी दिनेश कुमार से लेकर प्रदेश के मुखिया मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ तक भी की और मामले में लापरवाह डॉक्टरों के खिलाफ सख्त से सख्त कानूनी कार्यवाही की मांग उठाई।
इस वीडियो में सरकार के उन दावों की भी पोल खुलती नजर आई जो प्रदेश के मुखिया के साथ विधायक सांसद और आला अधिकारी ऊंचे ऊंचे मंचों से अस्पतालों के अच्छे और सुद्रण इंतजामात के दावे करते है। मामला जनपद के तहसील तालबेहट के पालीटेक्निक में संचालित कोविड अस्पताल एल 1 अस्पताल का है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार सदर कोतवाली क्षेत्र के अंतर्गत शहरी इलाके के मोहल्ला चौका बाग निवासी महावीर सिंह पुत्र मंगल सिंह की 22 अप्रैल को सुवह 10 बजे अचानक तबीयत खराब हुई तो उसे जिला चिकित्सालय ले जाया गया जहां जांच के दौरान वह कोरोना पॉजिटिव पाया गया और उसे तालबेहट के कोविड एल1 अस्पताल में भेज दिया गया जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। उसकी मौत के बाद उसके परिजनों को इसकी सूचना दी गई।
लेकिन डॉक्टरों ने उसकी मौत का समय दोपहर करीब 1 बजे के आसपास का बताया। जबकि उसकी बेटी का दावा है कि उसने अपने पिता के मोबाइल पर शाम 5 बजे बात की तब वह उससे बात कर रहे थे और कह रहे थे कि उनकी तबीयत अभी खराब है। इसके साथ ही उसकी बेटी का दावा है कि जब उसके पिता अस्पताल गए तो अपने पास 5000 रुपयों के साथ-साथ एक मोबाइल भी रखे हुए थे जिस पर उसने बात भी की। लेकिन उसके पिता की मौत के बाद ना तो उसे अस्पताल में तैनात डॉक्टरों और अन्य स्टाफ द्वारा वह पैसा सौंपा गया और ना ही उसके पिता का मोबाइल ही उसे मिला।
उसने डाक्टर और कर्मचारियों पर 5 हजार व मोबाइल चुराने का भी आरोप लगाया है। इसके साथ उसकी बेटी ने यह भी आरोप लगाया कि अस्पताल के पर्चे में डॉक्टरों ने इस तरह भारी-भरकम कटिंग की कि साफ जाहिर हो रहा है कि उसकी पर्ची में काफी हेराफेरी की गई।
उसकी बेटी का आरोप है कि उसका पिता तड़पता रहे लेकिन अस्पताल कर्मचारियों ने उन्हें ऑक्सीजन उपलब्ध नहीं कराई। उसकी मौत के बाद जब वह अस्पताल प्रशासन से उसका मृत्यु प्रमाण पत्र पाने की गुहार लगाती रही। तब अस्पताल में तैनात डाक्टरों और कर्मचारियों द्वारा करीब 1 सप्ताह तक उसे यह कहकर टहलाया जाता रहा कि उस का मृत्यु प्रमाण पत्र नगर पालिका से प्राप्त होगा और जब वह मृत्यु प्रमाण पत्र लेने नगर पालिका पहुंची तब वहां नगर पालिका में तैनात स्टाफ ने कह दिया कि उसका प्रमाण पत्र उसी अस्पताल से मिलेगा जहां उसकी मौत हुई है।
अब वह अपने पिता का मृत्यु प्रमाण पत्र लेने के लिए दरबदर भटक रही है लेकिन अभी तक उसे प्रमाण पत्र प्राप्त नहीं हो सका। उसका आरोप है कि सीएचसी तालबेहट में तैनात बाबू धीरज उससे सुविधा शुल्क मांग रहा है।
जब वह काफी परेशान हो गई तो उसने अपनी पीड़ा का एक वीडियो बनाया और सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया। इसके साथ ही उसने जिलाधिकारी ए दिनेश कुमार से लेकर प्रदेश के मुखिया योगी आदित्यनाथ तक अस्पताल की लापरवाही डॉक्टरों की लापरवाही और मृत्यु प्रमाण पत्र के संबंध में एक पत्र भी लिखा। जिसमें उसने न्याय की गुहार लगाई है।