मिड-डे-मील का खाना पकाया जा रहा चूल्हे पर विद्यालय को उपलब्ध गैस सिलेण्डर आखिर कहां गये?
संतोष तिवारी
कुरावली, मैनपुरी। आज के दौर में शिक्षक को समाज में प्रथम श्रेणी का दर्जा दिया जाता है। माँ के बाद यदि कोई बच्चों को कुछ शिक्षा देता है तो वह एक मात्र विधालय में पढ़ाने वाला शिक्षक ही होता है जिससे समाज को एक उम्मीद रहती है। उन शिक्षकों के द्वारा पढाये गए बच्चे ही देश का भविष्य होते हैं। जब उन शिक्षकों को बात करने तक ढंग न हो तो समाज के सारे अरमानों पर पानी फिर जाता है।
बता दें कि क्षेत्र के गाँव सरायलतीफ पर स्थित कंपोजिट विधालय में मिड डे मील का भोजन लकड़ियों के सहारे चूल्हें पर पकाया जा रहा था जिस पर एक कलमनबीस की नजर पढ़ी तो वह विधालय परिसर में पहुँच कर खाना पका रही रसोइया के पास पहुँच कर चूल्हे पर पक रहे खाने के बारे में जानकारी हासिल की गयी जिसके बाद कलमनबीस के द्वारा विधालय की प्रधानाचार्या के बारे में पूछा गया जिस पर वह रसोइया विधालय में तैनात प्रधानाचार्या को बुला लाई जिसके बाद उक्त कलमनबीस द्वारा चूल्हे पर पाक रहे भोजन के बारे में जानकारी की गयी। प्रधानाचार्या ने बताया कि विद्यालय में कोई भी सिलेंडर उपलव्ध ही नहीं हैं। मुझे ज्यादा जानकारी नहीं है। अरुण शाक्य सहायक अध्यापक को जानकारी है जिसके बाद कलमनबीस द्वारा विद्यालय परिसर में जगह-जगह लगे गन्दगी के अम्बार को अपने कैमरे में कैद किया जाने लगा जिसके कुछ ही छड़ों में उक्त सहायक अध्यापक भी वहां पर आ पहुंचे। ये कैसे शिक्षक
दबंग सहायक अध्यापक द्वारा न कोई जानकारी की गयी कि क्या है क्या नहीं है। बस सीधा कलमनबीस के साथ अभद्रता करनी शुरू कर दी जो कलमनबीस के कैमरे में भी कैद है। वही विधालय में तैनात शिक्षक अमित चौहान के द्वारा कलमनबीस का मोबाइल छीन लिया गया और अमर्यादित भाषा का प्रयोग करते हुए गाली गलौज करने लगा। बोला- हम ठाकुर हैं। मेरा कोई भी कुछ नहीं कर सकता है इस सरकार में? जिनका सहयोग विद्यालय में ही तैनात अन्य शिक्षक धीरेंद्र यादव, राहुल कुमार, अरविंद व सुमित ने भी भरपूर दिया। यह भी कलमनबीस के साथ अभद्रता करने में बिल्कुल भी पीछे नहीं रहे।
गुरू पूर्णिमा से एक दिन पहले कलयुगी शिक्षकों ने पत्रकार के साथ बदसलूकी
जिस देश में गुरु पूर्णिमा को एक विशेष दर्जा दिया जाता हो। जिस दिन विद्यालय में पढ़ाने वाले शिकशों को उस दिन उनके शिष्यों द्वारा उपहार भेंट कर सम्मानित किया जाता हो। उससे ठीक एक दिन पहले कलयुगी शिक्षकों ने लोकतंत्र के चौथे स्तम्भ के एक कलमकार की कवरेज के दौरान लज्जाभंग की जाए, वह भी इस तरीके से जो एक बिल्कुल अशिक्षित लोगों की तरह व्यवहार कर तो लोग शिक्षक किसे कहेंगे।
यह कैसा कम्पोजिट विद्यालय? जहां मिड-डे-मील का खाना चूल्हे पर पके
कम्पोजिट विद्यालय को एक विशेष दर्जा प्राप्त होता है। इस विद्यालय को आधुनिक सुविधाओं से लैस कर वहां पर पढ़ने आने वाले शिक्षार्थियों को शिक्षा दी जाती है लेकिन इस कंपोजिट विधालय में जब बच्चों को मिलाने वाले मध्यान्ह भोजन को ही लकड़ियों के सहारे पकाकर खिलाया जाता हो तो ये कैसा कंपोजिट विद्यालय? विद्यालय में उड़ रहीं स्वच्छ भारत मिशन की धज्जियां
भारत सरकार के महत्वपूर्ण मिशन स्वच्छ भारत मिशन की कहीं खिल्लियां उड़ती हुयी देखनी हैं तो कभी आप कुरावली क्षेत्र के गाँव सरायलतीफ स्थित कंपोजिट विद्यालय में घूम आइये जहाँ आपको विधालय परिसर में ही मिनी कूड़ाघर देखने को मिल जायेगा। इस विद्यालय में बच्चों को पीने के लिए स्वच्छ पानी तक भी नसीब नहीं होता है। जहाँ पानी पीने की जगह है, वहां देखने से ऐसा लगेगा जैसे कि सफाईकर्मी द्वारा उसे महीनों से साफ न किया गया हो जो स्थान देखने से ही गंदा होगा। वहां पर क्या बच्चे, क्या बूढ़े कोई भी पानी पीना तो दूर, बैठना भी मुनासिब नहीं समझेगा लेकिन यह सब इस कंपोजिट विधालय में मुमकिन है। क्या बोले खण्ड शिक्षाधिकारी
जब इस सम्बन्ध में खंड शिक्षाधिकारी कुरावली ब्रजेंद्र निगम से मौके पर जाकार बात की गयी तो उनके द्वारा कैमरे के सामने बोलने से साफ मना कर दिया गया जिसके बाद उन्होंने उल्टा ही कलमकार को पाठ पढ़ाना शुरू करते हुए कहा कि कहीं भी फोटो बीडीओ बनाने से पहले अधिकारियों से इजाजत लेना आवश्यक होता है जिसके बाद उन्होंने भी कलमकार का आईडी कार्ड माँगा जिस पर उसने अपना आईडी कार्ड तो शौक से दिखा दिया लेकिन खंड शिक्षाधिकारी आईडी कार्ड को देखने मात्र से ही संतुष्ट नहीं थे। वह उसकी फोटो भी लेना चाह रहे थे जिसके बाद कलमकार ने फोटो लेने से सीधा इनकार कर दिया। वहीं जब अभद्रता करने वाले शिक्षकों पर कार्यवाही करने सम्बन्धी बात कही तो कहा गया कि जांच कराई जाएगी। आप दो दिन का समय दे दीजिये। क्या बोलीं बेसिक शिक्षाधिकारी
जब इस सम्बन्ध में बेसिक शिक्षाधिकारी दीपिका गुप्ता से बात की गयी तो उनके द्वारा बताया गया कि मामला संज्ञान में नहीं है। यदि इस प्रकार का मामला है तो पूरी मामले की जांच कराई जाएगी जिसके बाद कुछ कार्यवाही हो सकेगी।
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