उद्यान मंत्री ने रायबरेली के कोल्ड स्टोरेजों का किया औचक निरीक्षण
उद्यान मंत्री ने रायबरेली के कोल्ड स्टोरेजों का किया औचक निरीक्षण
संदीप पाण्डेय
रायबरेली। प्रदेश के उद्यान, कृषि विपणन, कृषि विदेश व्यापार एवं कृषि निर्यात राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) दिनेश प्रताप सिंह ने विकास खंड जगतपुर के जिगना एवं लालगंज के लक्ष्मी कोल्ड स्टोरेजों का औचक निरीक्षण का व्यवस्थाओं का जायजा लिया। इस दौरान किसानों का आलू कोल्ड स्टोर में उद्यान विभाग के निरीक्षक की देखरेख में भंडारित किया जा रहा था।
कोल्ड स्टोर मालिकों के अभिलेख ए निरीक्षण से प्रतीत हुआ कि अभी 40 प्रतिशत कोल्ड स्टोर में आलू भंडारण हेतु स्थान रिक्त है।
मंत्री ने उपस्थित किसानों को आश्वस्त किया कि सरकार किसी भी दशा में आलू किसानों का अहित नहीं होने देगी। वैसे तो अनुमान के मुताबिक रायबरेली में स्थापित संचालित कोल्ड स्टोर की क्षमता से अधिक हाल उत्पादन होने का अनुमान नहीं है। फिर भी यदि आलू अधिक हुआ तो हम आसपास के जनपदों में भी आलू भंडारित करवाएंगे और इस पर हम किसानों को रूपये 100 प्रति कुंतल की दर से भाड़े का भुगतान राज्य सरकार करेगी।
मंत्री ने किसानों को आश्वस्त करते हुए यह भी कहा कि अब राज्य का आलू दुनिया के बाजारों में बिकने लगा है, इसकी शुरुआत हो चुकी है। अगले वर्ष तक उत्तर प्रदेश के किसानों का आलू दुनिया के बहुत देशों में पहुंचेगा और किसानों की उपज का आकर्षक मूल्य भी मिलेगा। मंत्री ने कोल्ड स्टोर मालिकों से सहयोग की अपील करते हुए कहा कि आप उतने ही किसानों को कोल्ड स्टोर पर बुलाने जितने का आलू दिन भर में भंडारित करा सकें शेष किसानों को तिथि वार टोकन दे करके बुलाएं जिससे किसानों के ऊपर 1 दिन से अधिक वाहन भाड़ा देने का बोझ न पड़े।
उन्होंने कहा कि जिलाधिकारी को निर्देश दिए गए हैं कि रायबरेली के आलू किसानों को किसी भी दशा में कोई असुविधा नहीं होनी चाहिए। प्रशासनिक स्तर पर भी अनुश्रवण और पर्यवेक्षण किया जाए और उन्हें अवगत कराया जाए। रायबरेली के सभी 27 कोल्ड स्टोर पर उद्यान विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों की भी तैनाती की गई है। कोई भी अधिकारी कर्मचारी अगले 10 दिन तक मुख्यालय पर नहीं रहेगा सिर्फ कोल्ड स्टोरेज पर किसानों के आलू के भंडारण में हर तरह की मदद और दोष रहित भंडारण सुनिश्चित करें कराएगा।
उन्होंने कहा कि लापरवाही बरतने वाले उद्यान विभाग के कर्मचारी रामनिवास को लापरवाही बरतने के आरोप में निलंबित कर दिया गया है। यदि अन्य किसी कोल्ड स्टोरेज पर अनियमितता लापरवाही पाई जाएगी तो कठोर कार्यवाही की जाएगी। साढ़े 600 रुपये आलू की दरें राज्य सरकार द्वारा निर्धारित की गई है जो सिर्फ भ्रम है दरों को नियंत्रित करने के उद्देश्य से सीपीआरआई केंद्रीय आलू अनुसंधान परिषद की सलाह पर भारत सरकार व राज्य सरकार ने मिलकर साढ़े 600 रुपये सिर्फ इसलिए निर्धारित किया है कि यदि बाजार भाव उसके नीचे गिरता है तो राज्य सरकार इन दरों पर औषध गुणवत्ता का आलू सोता खरीदेगी। यह दरें आलू बाजार का मूल्य स्थिर करने के उद्देश्य से की गई है। पूरे राज्य भी अलग-अलग जनपद अलग-अलग अलग-अलग मंडी से अलग भाव है 800 से 850 रुपये में भी किसानों का आलू बिक रहा है।
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