कविता के माध्यम से समाज में बढ़ रही कुरीतियों का दमन किया जा सकता: डॉ. राजाराम
कविता के माध्यम से समाज में बढ़ रही कुरीतियों का दमन किया जा सकता: डॉ. राजाराम
देवी प्रसाद शर्मा
आजमगढ़। बूढ़नपुर तहसील क्षेत्र के अतरैठ स्थित सरस्वती शिशु मंदिर पर हिंदी पखवाड़े के उपलक्ष में काव्य गोष्ठी का आयोजन किया गया। गोष्ठी में आजमगढ़ मंडल व आस—पास के जिलों के सैकड़ों कवियों ने हिस्सा लिया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि के रूप में जीएसएस पीजी कॉलेज के पूर्व प्रवक्ता डॉक्टर नरेंद्र नाथ यादव ने किया उन्होंने बताया साहित्य समाज का दर्पण होता है। विशिष्ट अतिथि राष्ट्रपति पुरस्कार प्राप्त शिक्षक उदयराज यादव ने कहा कि कवि समाज का पथ प्रदर्शक होता है। वह अपनी रचना के माध्यम से एक नए युग का आरंभ करता है। अध्यक्षता कर रहे महान साहित्यकार कवि डॉ राजाराम सिंह ने बताया कि कविता के माध्यम से समाज में बढ़ रही कुरीतियों का दमन किया जा सकता है।
बूढ़नपुर तहसील के कवि लाल बहादुर चौरसिया लाल द्वारा मनमोहक काव्य पाठ किया गया। उन्होंने अपनी कविता आंसू से मुस्कान लिखेंगे से काव्य पाठ किया। कवि घनश्याम यादव द्वारा समाज में हो रही बुराई और अत्याचार के बारे में काव्य पाठ किया गया। महान कवि बाले दिन बेसहारा ने बेटियों पर हो रहे अत्याचार को लेकर के काव्य पाठ किया गया। उन्होंने कविता के माध्यम से बताया कि बेटी और बेटे में कोई फर्क नहीं है बेटा तो भाग से पैदा होता है लेकिन बेटियां सौभाग्य से पैदा होती हैं।
कार्यक्रम के आयोजक मंडल के सदस्य अटेवा के प्रदेश मंत्री कवि एवं साहित्यकार विजय प्रताप यादव बूढ़नपूरी ने भी अपना काव्य पाठ किया। साथ ही कार्यक्रम में उपस्थित कवि एवं विद्वानों का आभार व्यक्त किया। इस अवसर पर अटेवा के अध्यक्ष महेंद्र मृदुल द्वारा भी काव्य पाठ किया गया। साथ ही अनेक कवियों ने इस कार्यक्रम में बढ़—चढ़कर हिस्सा लिया जिसमें जयहिंद सिंह, राजनाथ राज, विजेंद्र श्रीवास्तव, शैलेंद्र राय पटपट, अभिराज, जितेंद्र, हरी लाल राजभर, कृष्णदेव घायल, रविंदर यादव, सोहन लाल गुप्ता, बैजनाथ गंगवार, रुद्रनाथ रूद्र, लालजी यादव, मुहम्मदवादी, विजय श्रीवास्तव, रोहित बारी सहित क्षेत्र के अनेक कवियों ने अपना काव्य पाठ प्रस्तुत किया।
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