परिषदीय शिक्षकों के स्थानांतरण पर सरकार की नीयत साफ नहींः राजेश सिंह | #TejasToday

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परिषदीय शिक्षकों के स्थानांतरण पर सरकार की नीयत साफ नहींः राजेश सिंह | #TejasToday

परिषदीय शिक्षकों के स्थानांतरण पर सरकार की नीयत साफ नहींः राजेश सिंह | #TejasToday

सिकरारा, जौनपुर। परिषदीय शिक्षकों के अंतरजनपदीय स्थानांतरण को लेकर सरकार द्वारा जो नई गाइडलाइंस (संशोधित शासनादेश) जारी हुई है, उसको देखते हुए लगता है कि स्थानांतरण प्रक्रिया एक बार फिर न्यायालय की परिक्रमा करने को तैयार है। उक्त बातें राजेश सिंह जिला उपाध्यक्ष उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षक संघ ने प्रेस को जारी बयान में कही। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा जारी नई शासनादेश के अनुसार अब अंतरजनपदीय स्थानांतरण के लिए शिक्षकों के लिए 5 वर्ष एवं शिक्षिकाओं के लिए 2 वर्ष की सेवा पूरी करना अनिवार्य है जबकि मूल शासनादेश में अंतर जनपदीय स्थानांतरण में शिक्षकों के लिए 3 वर्ष और शिक्षिकाओं के लिए 1 वर्ष की सेवा पूरी करने की अनिवार्य शर्तें थीं। श्री सिंह ने कहा कि स्पष्ट है कि सरकार ने स्थानांतरण में शिक्षकों के लिए जो 3 वर्ष की सेवा शर्त में संशोधन करके 5 वर्ष किया है, उससे बड़ी संख्या में शिक्षक साथी अपने मूल जनपद आने से वंचित रह जाएंगे। ऐसे में उनका वर्षों का इंतजार एक बार फिर से इंतजार ही बनकर रह जायेगा। ऐसे में स्वाभाविक है कि वे लोग भी न्यायालय का दरवाजा खटखटा सकते हैं। ऐसा हुआ तो पूरी प्रक्रिया एक बार फिर से खटाई में पड़ जाएगी। शिक्षक नेता ने कहा कि सरकार/विभाग अंतरजनपदीय स्थानांतरण के मूल शासनादेश में संशोधन करते हुए अपने संशोधित शासनादेश में कुटिलतापूर्वक बार-बार कोर्ट का हवाला दिया है, ताकि शिक्षक यह समझें कि यह संशोधन कोर्ट के आदेश के क्रम में ही हो रहा है। अब प्रश्न यह उठता है कि क्या कोर्ट में किसी शिक्षक ने स्थानांतरण के लिए सेवा काल शर्त 3 वर्ष से बढ़ाकर 5 वर्ष करने की मांग की थी जिसको लेकर कोर्ट ने सरकार को निर्देशित किया है जिसके क्रम में यह संशोधित आदेश निकला है या फिर अंतरजनपदीय स्थानांतरण को लटकाए रखने का सरकार का यह पार्ट-2 चल रहा है। उन्हांने कहा कि अंतरजनपदीय स्थानान्तरण तो छोड़िए, इस सरकार के 4 साल कार्यकाल पूरा होने को है लेकिन यह सरकार आज तक जनपद के अंदर स्थानांतरण को भी लेकर कोई एक नीति तक नहीं बना पायी है। जो भी हो लेकिन इतना तो स्पष्ट है कि इस सरकार के पास परिषदीय शिक्षकों के स्थानांतरण को लेकर न कोई ठोस नीति है और न ही इसके प्रति इनकी नियत ही साफ है।

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सर्वाधिक पढ़ा जानें वाला जौनपुर का नं. 1 न्यूज पोर्टल वीडियो कान्फ्रेंसिंग से जेल बंदियों को दी गयी विधिक जानकारी | #TejasToday जौनपुर। उत्तर प्रदेश राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण लखनऊ के निर्देशानुसार एवं जनपद न्यायाधीश/अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण एमपी सिंह के संरक्षण व कुशल निर्देशन एवं अनुमति से जिला प्राधिकरण के तत्वावधान में बन्दियों को विधिक जानकारी प्रदान करने हेतु मंगलवार को वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से जिला कारागार का निरीक्षण एवं विधिक साक्षरता शिविर का आयोजन किया गया। इस मौम के पर सिविल जज सीडि/प्रभारी सचिव मो. फिरोज ने बन्दियों के अधिकार एवं विशेष रूप से महिला बन्दियों के लिए नालसा द्वारा चलायी जा रही योजना के बारे में बताया। साथ ही नालसा की योजना के अनुरूप जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा गरीब, असहाय एवं निर्बल वर्ग के अक्षम व्यक्तियों को प्रदान करायी जा रही निःशुल्क विधिक सहायता के बारे में बताया। उन्होंने बन्दियों को बताया कि उपरोक्त प्रकार के बन्दी जेल अधीक्षक अथवा जेल लीगल एड क्लीनिक के माध्यम से जिला प्राधिकरण को प्रार्थना पत्र प्रस्तुत कर सकते हैं। जेल अधीक्षक को निर्देशित किया गया कि विधिक सहायता हेतु किसी बन्दी का प्रार्थना पत्र प्राप्त होने पर अविलम्ब सूचित करना सुनिश्चित करें। कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव हेतु कोविड-19 के नियमों के पालन हेतु जागरूक किया गया। इस अवसर पर जेल अधीक्षक, अन्य सहकर्मी, जेल पीएलवी एवं पुरूष व महिला बन्दीगण उपस्थित रहे।

सर्वाधिक पढ़ा जानें वाला जौनपुर का नं. 1 न्यूज पोर्टल केराकत के मनबढ़ दरोगा से निषाद बस्ती के लोग परेशान | #TejasToday केराकत, जौनपुर। स्थानीय थाना क्षेत्र में बीती शाम कोतवाली के मनबढ़ दरोगा सुदर्शन यादव द्वारा निषाद बस्ती में जाकर गालियां देते हुए फर्जी मुकदमे में फंसाने की धमकी भी दी गयी। उक्त गांव निवासी प्रभाकर निषाद ने आरोप लगाते हुए बताया कि हमारे सगे भाई गांव के कई लोगों से पैसा जमा कराकर देने से इंकार कर रहे हैं। बता रहे हैं कि कंपनी भाग गई है, इसलिये अब पैसा नहीं मिलेगा। इसके बाबत प्रार्थना पत्र देने के बावजूद कोई कार्रवाई न होने से प्रभाकर ने अपने भाई का खेत जाने वाले रास्ते को अवरूद्ध कर दिया। इस पर भाई द्वारा कोतवाली में मेरी शिकायत की गयी जिस पर उक्त मनबढ़ दरोगा मेरी अनुपस्थिति में परिवार के सदस्यों को गाली देते हुये मुझे सहित परिवार के सभी लोगों को फर्जी मुकदमे में फंसाने की धमकी दिये। उक्त दरोगा की इस हरकत से जहां पीड़ित और परेशान हो गया, वहीं गांव के अन्य लोग दरोगा से परेशान होकर जिला व पुलिस प्रशासन का ध्यान आकृष्ट कराये।

कोरोना संक्रमण के चलते 19 सितम्बर तक न्यायिक कार्य ठप्प | #TEJASTODAY मछलीशहर, जौनपुर। स्थानीय तहसील के अधिवक्ताओं ने बैठक कर कोरोना संक्रमण को मद्देनजर 19 सितम्बर तक न्यायिक कार्य ठप्प रखने का निर्णय लिया है। अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष प्रेम बिहारी यादव की अध्यक्षता में शुक्रवार को साधारण सभा की बैठक बुलाई गई। बैठक में सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि कोरोना संक्रमण के बढ़ते प्रभाव को देखते हुये अधिवक्ता 19 सितम्बर तक न्यायिक कार्य से विरत रहेंगे। इस मौके पर अधिवक्ताओं ने कहा कि तहसील में वादकारियों व अधिवक्ताओं की बढ़ती भीड़ के कारण सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं हो पा रहा है जिसके कारण संक्रमण का बराबर खतरा बना हुआ है। ऐसी स्थिति में एहतियात के तौर पर यह निर्णय अति आवश्यक है। बैठक में महामंत्री अजय सिंह, वरिष्ठ अधिवक्ता दिनेश चंद्र सिन्हा, अशोक श्रीवास्तव, सुरेन्द्र मणि शुक्ला, जगदंबा प्रसाद मिश्र, नागेन्द्र प्रसाद श्रीवास्तव, विनय पाण्डेय, हरि नायक तिवारी, वीरेंद्र भाष्कर यादव, मनमोहन तिवारी आदि उपस्थित रहे।

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