24 से 30 जून तक गोवा में होगा ‘वैश्विक हिन्दू राष्ट्र महोत्सव’
श्रीराम मंदिर के उपरान्त अब ‘हिन्दू राष्ट्र’ के लिये संगठित प्रयास आवश्यक: सद्गुरु निलेश
जितेन्द्र सिंह चौधरी
वाराणसी। 500 वर्षों के संघर्ष के उपरांत अयोध्या में निर्माण हुआ प्रभु श्रीराम का मंदिर हिन्दू राष्ट्र की निर्मिति की दिशा में पहला कदम है, ऐसा हम मानते हैं परंतु लोकसभा चुनावों के उपरांत भी देश की परिस्थिति को देखते हुए हिन्दुओं की समस्या सुलझाने के लिए हिन्दुओं का इकोसिस्टम निर्माण कर नियोजनबद्ध पद्धति से कार्य करने की आवश्यकता है। इस बार के चुनाव के सार्वजनिक रिपोेर्ट से स्पष्ट हुआ है कि भारत की स्वतंत्रता के उपरांत 1950 से 2015, इन 65 वर्षों के काल में हिन्दुओं की लोकसंख्या लगभग 8 प्रतिशत से कम हो गई है जबकि उसकी तुलना में इसी अवधि में मुसलमानों की लोकसंख्या में लगभग 43.15 प्रतिशत वृद्धि हुई है।
इस वृद्धि को अप्राकृतिक कहना होगा; कारण भारत में अवैध बांगलादेशियों के साथ ही रोहिंग्या घुसपैठियों की संख्या बढती ही जा रही है। उन्हें पासपोर्ट, आधार कार्ड, पैन कार्ड जैसे भारतीय नागरिकत्व के पहचान पत्र बनाकर देने वालों पर देशद्रोह का अपराध प्रविष्ट करना चाहिए। इस वर्ष तो चुनावों में भी बांगलादेशी घुसपैठियों द्वारा मतदान किए जाने की घटना उजागर हुई है। मुंबई में ऐसे कुछ घुसपैठियों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। इन अवैध घुसपैठियों का फर्जी दस्तावेज के आधार पर मतदान करना, भारत के लोकतंत्र के लिए संकट निर्माण करनेवाला है, इसलिए 2011 के उपरांत 2021 में जनगणना न होने से गत 13 वर्षों में भारत की जनसंख्या में क्या परिवर्तन हुआ, यह तुरंत जनगणना कर जनता के समक्ष रखने की आवश्यकता है। साथ ही एवं संपूर्ण भारत में तुरंत लागू करनी चाहिए। देश की सुरक्षा का विचार करने पर माता वैष्णो देवी जाने वाले भक्तों की बस पर आतंकवादी आक्रमण से यह स्पष्ट होता है कि कश्मीर में आतंकवाद अब धीरे-धीरे हिन्दू बाहुल्य जम्मू की दिशा में अग्रसर है। पंजाब में खलिस्तानवादी आंदोलन सहित राष्ट्रविरोधी एवं विदेशी शक्तियां भारत को अस्थिर करने के लिए जोर-शोर से सक्रिय हो गई हैं।
भारत सहित विश्व भर के हिन्दुओं पर हमले बढ गए हैं। ऐसे समय पर हिन्दुओं को जाति-पाति के झगडे में उलझाकर उनमें फूट डालने का षड्यंत्र रचा जा रहा है हिन्दू राष्ट्र के मार्ग में ऐसी कितनी भी बाधाएं आएं, फिर भी हिन्दुओं के संगठित प्रयासों से विरोधी अपने षडयंत्र में सफल नहीं होंगे। वैश्विक स्तर पर विविध देशों में बढते जानेवाले युद्ध और अस्थिरता को देखते हुए यही ध्यान में आता है कि हिन्दू धर्म एकमात्र ऐसा धर्म है जिसके विश्व बंधुत्व तथा ‘वसुधैव कुटुंबकम’की संकल्पना पूरे समाज को जोड सकती है और उसे एकजुट रख सकती है, इसलिए हिन्दू राष्ट्र-स्थापना के कार्य को गति देने के लिए प्रतिवर्ष समान इस बार भी बारहवें ‘अखिल भारतीय हिन्दू राष्ट्र अधिवेशन’ अर्थात ‘वैश्विक हिन्दू राष्ट्र महोत्सव’का आयोजन किया गया है। यह महोत्सव 24 से 30 जून तक ‘श्री रामनाथ देवस्थान’, फोंडा, गोवा में संपन्न होनेवाला है, ऐसा हिन्दू जनजागृति समिति के धर्म प्रचारक संत सद्गुरु निलेश सिंगबाळ ने पत्रकार वार्ता में कहा। यहां पराडकर भवन में आयोजित पत्रकार वार्ता में हिन्दू जनजागृति समिति के धर्मप्रचारक सद्गुरु निलेश सिंगबाळ तथा वाराणसी व्यापार मंडल के अध्यक्ष अजित सिंह बग्गा जी उपस्थित थे।
हिन्दू जनजागृति समिति के राजन केशरी ने बताया कि प्रमुख रूप से इंदौर के महामंडलेश्वर स्वामी प्रणवानंद सरस्वती महाराज, ‘इंटरनैशनल वेदांत सोसाइटी’ के स्वामी निर्गुणानंदगिरी महाराज, छत्तीसगढ के श्रीराम बालक दास महात्यागी महाराज, श्रीराम जन्मभूमि मुक्ति के काशी की ज्ञानवापी मस्जिद के विरोध में न्यायालयीन लडाई देनेवाले अधिवक्ता (पू.) हरिशंकर जैन और उनके सुपुत्र अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन, सर्वोच्च न्यायालय के अधिवक्ता अश्विनी उपाध्याय, ‘स्वातंत्र्यवीर सावरकर राष्ट्रीय स्मारक’ के कार्याध्यक्ष रणजीत सावरकर, तेलंगाना के हिन्दुत्वनिष्ठ विधायक टी. राजा सिंह, ‘हिन्दू इकोसिस्टिम’ के संस्थापक कपिल मिश्रा, भारत के भूतपूर्व सूचना आयुक्त एवं ‘सेव कल्चर सेव भारत’ के संस्थापक उदय माहूरकर, वाराणसी के हिन्दू ओटीटी प्लेटफॉर्म ‘प्राच्यम’ के संस्थापक प्रवीण चतुर्वेदी, ज्ञानवापी अभियोग के हिन्दू पक्षकार डॉ. सोहन लाल आर्य, वाराणसी व्यापार मंडल के अध्यक्ष अजित सिंह बग्गा उपस्थित रहेंगे। अधिवेशन में उत्तर प्रदेश के 41 संगठनों के 110 से अधिक प्रतिनिधि आमंत्रित हैं। वरिष्ठ अधिवक्ता, उद्योजक, विचारक, लेखक, पत्रकार, मंदिर विश्वस्तों के साथ ही अनेक समविचारी सामाजिक, राष्ट्रीय एवं आध्यात्मिक संगठनों के प्रतिनिधि भी इस अधिवेशन में उपस्थित रहे।
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