लाखों सन्त-भक्तों के प्रेरणास्त्रोत एवं राष्ट्र सेवक थे गीतानंद महाराज
पुण्यतिथि पर महाराज श्री को नमन कर अर्पित की गयी भावांजलि
आरके धनगर
मथुरा। महान विभूति सद्गुरूदेव श्रीस्वामी गीतानंद जी महाराज भिक्षुः की 18 वीं पुण्यतिथि पर रविवार वृन्दावन के गांधी मार्ग स्थित श्री गीता आश्रम में विभिन्न धार्मिक आयोजन हुए। इस दौरान मंहत, संत व धर्माचार्यों ने आध्यात्म चिंतन के साथ महाराजश्री को नमन कर भावांजलि अर्पित की। वहीं समाजसेवियों ने भी समाज और राष्ट्र हित में संत गीतानंद जी महाराज द्वारा किये गये कार्यों को याद कर उनसे प्रेरणा लेने पर जोर दिया।
महामंडलेश्वर डा.स्वामी अवशेषानंद महाराज की अध्यक्षता में आयोजित विराट श्रद्धांजलि सभा में हाईकोर्ट के पूर्व रजिस्टार एसएस कुलश्रेष्ठ ने कहा कि महाराजश्री की भक्ति के साथ-साथ सेवा में विशेष रूचि थी। उन्होंने देश में किसी तरह की आपदा आयी हो या फिर सीमा पर युद्ध हो हर समय अपने सरल ह्दय का दर्शन कराते हुए पीडित मानवता की सेवा में कोई कसर नहीं छोडी। एनयूजेआई के राष्ट्रीय सचिव व ब्रज प्रेस क्लब के अध्यक्ष डॉ. कमलकांत उपमन्यु एडवोकेट ने कहा कि गीतानंद महाराज ने गीता, वाणी और प्रवचन के माध्यम से लोगों में जनजाग्रति पैदा की। वहीं आध्यात्म के माध्यम से मानव को जोडने का जो काम किया वह हमेशा स्मरणीय रहेगा। कार्यक्रम का शुभारंभ महाराजश्री के चित्रपट के समक्ष दीप प्रज्ज्वलन एवं माल्यार्पण कर किया।
महामंडलेश्वर डा.स्वामी अवशेषानंद महाराज ने कहा कि गीतानंद महाराज ने जीवन पर्यंत श्रीमद्भगवत गीता का प्रचार-प्रसार कर भक्तों को सद्मार्ग पर चलने का संदेश दिया। कार्यक्रम का संचालन राधा कृष्ण पाठक द्वारा किया गया। श्रद्धांजलि सभा के पश्चात संतों, महन्तों, महामंडलेश्वरों का विशेष भण्डारा हुआ। कार्यक्रम उमा पीठाधीश्र्व रामदेवानंद महाराज, महंत फूलडोल दास महाराज, राष्ट्र संत गिरीशानंद महाराज, महामंडलेश्वर नवलगिरी, विशेष जज सुरेंद्र पाल गोयल, सुतीक्षण दास महाराज, डॉ. प्रहलाद सिंह आदि मौजूद रहे।
आधुनिक तकनीक से करायें प्रचार, बिजनेस बढ़ाने पर करें विचार
हमारे न्यूज पोर्टल पर करायें सस्ते दर पर प्रचार प्रसार।