सम्बद्ध व संविदा चिकित्सकों ने पाल रखा है निजी दलाल
सुलतानपुर। जनपद की स्वास्थ्य व्यवस्था में बड़े पैमाने में आगंतुक व्यक्तियों का दखल बढ़ने से गरीब व निर्धन मरीजों के लिए समस्याएं जटिल हो गई है। बीते वर्षों से स्वास्थ्य विभाग में पीएचसी व सीएचसी से डाक्टरों को जिला अस्पताल में संबद्ध करने का चलन मुख्य चिकित्सा अधिकारी के द्वारा किया जाता रहा है, जबसे जिला अस्पताल में डाक्टरों की संबद्धता बढ़ी है, तब से अस्पताल में दलालों की आमदरफ्त भी बढ़ी है।
इसी के साथ संविदा डाक्टरों ने अपने पेशे को सेवाधर्म से ज्यादा खाने-कमाने का जरिया बना रखा है, संबद्ध व संविदा डाक्टर ओपीडी में अपने निजी दलालों को लेकर बैठते है, दलालों का काम मरीजो की सरकारी रजिस्टर में इंट्री करना, बाहर की दवाइयां लिखना और मरीजों को दवा खरीद कर,लाकर दिखाने का निर्देश देना जबकि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का स्पष्ट निर्देश है की सरकारी स्वास्थ्य योजनाओं का शत-प्रतिशत लाभ आम लोगों तक आसानी से पहुंचाने की प्रक्रिया अमल में लाई जाय। हांलाकि सरकारी विभाग में संबद्धता ना करने के लिए पूर्व में शासनादेश भी जारी हुआ था। बहरहाल इस संबंध में अपर निदेशक स्वास्थ्य अयोध्या मंडल से सवाल किया गया तो उन्होंने बताया कि जिले की स्वास्थ्य व्यवस्था मुख्य चिकित्साधिकारी को देखना होता है, उनके द्वारा लिए गये निर्णय के बारे में वही बता सकते हैं। फिलहाल मौजूदा स्थिति बद से बदतर हो चले हैं। यदि समय रहते संबद्ध और संविदा डाक्टरों पर नकेल नहीं कसी जाती तो हालत और भी बिगड़ जायेंगे।
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