पिछले दो वर्षों से किसानों के साथ आंख मिचौली खेल रही कुदरत
किसान को पानी की जरुरत होती है तो नहीं होती बारिश
फसल बर्बाद करने के लिये कुदरत करती है बरसात
शरद दुबे
पीलीभीत। इस वर्ष पड़ रही कड़ाके की ठंड की वजह से लोगों का जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया है। वहीं बारिश न होने के कारण फसलों को भारी नुक्शान हो रहा है। किसान अपनी फसल में पानी लगाने के लिए परेशान हैं।
इस समय पड़ रही कड़ाके की ठंड व शीतलहर से लोगों का जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया है। तो वहीं किसान के खेत में खड़ी आलू, सरसों, गेहूं, मसूर की फसलें बारिश न होने के कारण खराब हो रही हैं। जिस किसान के पास खेत में पानी लगाने की व्यवस्था है, वह पंपिंग सेट से फसलों की सिंचाई कर रहे हैं। जिन किसानों के पास व्यवस्था नहीं है, वह आसमान की तरफ टकटकी बांधे देख रहे हैं कि कब बारिश हो जाये और उनकी फसल में पानी लग सके जिससे फसल की पैदावार बढ़ सके लेकिन कुदरत काफी समय से किसान के साथ आंख मिचौली खेल रही है।
जब किसान जैसे तैसे अपनी जमा पूंजी लगाकर खेतों में खड़ी धान की फसल की सिंचाई कर पैदा करता है। कुदरत उसी समय बारिश कर फसल को नष्ट कर देती है। जब किसान को पानी की जरुरत होती है तो बारिश की एक बूंद भी जमीन पर नहीं आती है जिससे किसान आर्थिक तंगी से जूझ रहे हैं।
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