दीपमाला को हराकर फात्मा बनीं बदायूं की चेयरमैन
अंकित सक्सेना
बदायूं। जिले की सात में से भाजपा की झोली में तीन नगर पालिका ही आ सकीं। बदायूं जैसी महत्वपूर्ण पालिका भाजपा हार गई। उझानी में केंद्रीय राज्यमंत्री बीएल ने अंतिम समय तक लगाई गई ताकत के बदौलत सीट मिली। यहां से पूनम चौथी बार चेयरमैन बनीं। वहीं दतागांज व बिल्सी में भाजपा दूसरी बाद जीती। ककराला, सहसवान, बिसौली में हार का मुंह देखना पडा। बदायूं नगर पालिका की दीपमाला को सपा नेता व पूर्व मंत्री आबिद रजा पत्नी व निर्दलीय प्रत्याशी फात्मा रजा ने हराकर जीत हासिल की। इस चुनाव में भाजपा ने अपनी महत्वपूर्ण सीट गवां दी। 2017 के चुनाव में जहां दीपमाला ने 3176 वोट से फात्मा को हराया। अब फात्मा ने उन्हें 5465 वोट से हराकर बदला पूर किया।
शहर के मंडी समिति में मतगणना संपन्न हो गई है जिसमें बदायूं शहर नगर पालिका से भाजपा को बड़ा झटका मिला है। भाजपा की प्रत्याशी दीपमाला गोयल को हार का मुंह देखना पड़ा है। दीपमाला गोयल मतगणना में अंतिम दौर तक लड़ीं और फिर हार हासिल हुई है। निर्दलीय प्रत्याशी फात्मा रजा ने 5,485 वोटों से हरा दिया है।
बता दें कि भाजपा की दीपमाला को 22,086 वोट तथा निर्दलीय प्रत्याशी फात्मा रजा को 27,571 वोट मिले हैं। दोपहर बाद फात्मा रजा को जीत के बाद मंडी स्थल पहुंची और जीत का प्रमाण पत्र लिया है। इसके बाद उन्हें पुलिस सुरक्षा के बीच आवास तक पहुंचाया गया।
भाजपा को बिसौली-ककराला में तीसरा स्थान मिला
जिले की नगर पालिकाओं में भाजपा की स्थिति ज्यादा ठीक नहीं रही है। दातागंज, बिल्सी, उझानी जरूर जीत ली है। मगर बदायूं और सहसवान में हार का मुंह देखना पड़ा है। बाकी अगर बिसौली और ककराला की बात करेंगे तो यहां बहुत ज्यादा स्थित खराब भाजपा की रही है। ककराला और भाजपा के प्रत्याशी तो तीसरे स्थान पर रहे हैं।
उपचुनाव में रिकार्ड मतों से हुई थी जीत
बदायूं नगर पालिका की चेयरमैन फात्मा रजा बनीं हैं। इससे पहले वह वर्ष 2017 के चुनाव में भी मैदान में उतरीं थीं लेकिन दीपमाला के सामने इनको हार का मुंह देखना पड़ा था लेकिन अगर उपचुनाव 2015 की बात करेंगे तो उस समय नगर पालिका चेयरमैन बनीं फात्मा रजा को रिकार्ड वोटों से जीत मिली थी। उस दौरान फात्मा रजा को करीब 16 हजार वोटों से जीत मिली थी।
दंगल वही और खिलाड़ी वही समय के साथ कुर्सी बदली
निकाय चुनाव 2023 में बदायूं नगर पालिका सीट से फात्मा रजा चेयरमैन बन गई हैं। इससे पहले इस नगर पालिका की कुर्सी पर फात्मा रजा वर्ष 2015 के उपचुनाव के बाद बैठीं थीं। वर्ष 2017 का चुनाव आया तो भाजपा से दीपमाला गोयल प्रत्याशी बनीं थीं और सपा से फात्मा रजा भी प्रत्याशीं थीं। निकाय क्षेत्र एक और दोनों यही प्रत्याशी थे लेकिन जनता ने उस समय दीपमाला गोयल को स्वीकार किया था। अब समय बदला और जनता ने फात्मा रजा को मौका दिया है।
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