बैंककर्मी तत्परता से कर रहे ऋण की वसूली
श्याम सुन्दर पाण्डेय
कैमूर (बिहार)। इन दिनों रुक रुक करके बे मौसम बरसात होने से किसानों की खेत में लगी खड़ी फसलो को भारी नुकसान हुआ है। किसानों को इसके चलते काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है खेत में लगी गेहूं की फसल होया चने मसूर दलहन और खेत में लगे दलहन के पके हुए दाने भीगने के कारण फूल जाएंगे और सूखने के बाद सिकुड़ जाएंगे जिसके चलते गेहूं में बने प्राकृतिक रोशनी समाप्त हो जाएगी और अंकुर आने की संभावना प्रबल हो जाएगी जिससे गेहूं की खरीदारी बनिया ओने पौने दाम में करेंगे।
वही हालत दलहन तिलहन फसलों का भी है। आम के पेड़ में लगे मोजर और उसके छोटे फल बारिश के कारण झड़ चुके हैं जिससे किसानों को फलदार वृक्षों के भी दंस से गुजरना पड़ेगा। बरसात के बाद जमीन में गिरे फसल कि नहीं होगी कटाई कुछ कहा नहीं जा सकता। जिसको काटने के लिए हार्वेस्टर को काटने में काफी कठिनाई होगी वह भी कटेगी तो किसानों से महंगे दाम पर।
एक तरफ किसान प्राकृतिक से बेहाल है तो दूसरी तरफ बैंकों का तांडव जारी है कृषि लोन लिए हुए लोन वसूली करने के लिए बैंकों द्वारा लगातार कोर्ट में परिवाद दायर कर वारंट लेकर निर्गत कराने में बैंक कर्मी लगे हुए हैं। अब सवाल उठता है किसान पहले अपना पेट भरे या बैंक का कर्ज अदा करें।
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