फेस टू फेस 5 प्रदर्शनी शुरू, देश भर से आये कलाकार
मुकेश तिवारी
झांसी। झांसी के कला जगत में एक नई हलचल हुई है। मणिकर्णिका आर्ट गैलरी एवं राजकीय संग्रहालय झांसी की तरफ से राजकीय संग्रहालय में स्थित कला वीथिका में फेस टू फेस 5 शीर्षक से राष्ट्रीय कला प्रदर्शनी का आयोजन किया गया है। प्रदर्शनी में देश भर के 43 वरिष्ठ व युवा कलाकारों की कलाकृतियाँ प्रदर्शित की गई हैं। यह द्विदिवसीय प्रदर्शनी 25 मई से शुरू हुई। यह प्रदर्शनी 26 मई शाम 5 बजे तक दर्शकों के अवलोकन लिए खुली रहेगी। प्रदर्शनी का उद्घाटन अंतर्राष्ट्रीय बौद्ध संस्थान के उपाध्यक्ष दर्जा प्राप्त राज्यमंत्री हरगोविंद कुशवाहा ने किया।
इस दौरान विशिष्ट अतिथि के रूप में संस्कार भारती के प्रदेश महामंत्री नरेश चंद्र अग्रवाल, कॉर्डिनेटर फाइन आर्ट डिपार्टमेंट बुंदेलखंड यूनिवर्सिटी डॉ सुनीता, वरिष्ठ कलाकार किशन सोनी, वरिष्ठ कलाकार डॉ प्रमिला सिंह रहे। मुख्य अतिथि हरगोविंद कुशवाहा ने कहा कि कलाएं भावों और विचारों की अभिव्यक्ति है। सभी कलाओं में आंतरिक संबंध होता है। मणिकर्णिका आर्ट गैलरी की डायरेक्टर कामिनी बघेल को कई वर्षों से देख रहा हूं। इन्होंने कला के लिए जो अभूतपूर्व योगदान दिया, उसकी जितनी प्रसंशा की जाए वह कम है, इन्होंने झांसी का नाम पूरे देश एवं विदेश में अपनी कला के बदौलत नाम रौशन किया और आज यह जो कलाकारों के लिए कर रहे हैं। अपनी मणिकर्णिका आर्ट गैलरी के द्वारा वह अभूतपूर्व है। इसमें वरिष्ठता के साथ युवाओं के अभिव्यक्ति भी दिखाई दे रहे हैं, उन्होंने सभी चित्रों को बारीकी से देखा एवं प्रदर्शनी में शामिल सभी कलाकारों को उन्होंने बधाई दी।
उन्होंने प्रदर्शनी के आयोजक मणिकर्णिका आर्ट गैलरी एवं राजकीय संग्रहालय को भी बधाई दी। राजकीय संग्रहालय के डायरेक्टर डॉ मनोज गौतम ने सभी चित्रकारों को बधाई दी तथा उनका उसाहवर्धन किया। मणिकर्निका आर्ट गैलरी की डायरेक्टर कलाकार कामिनी बघेल ने बताया कि मणिकर्णिका आर्ट गैलरी देश के विभिन्न शहरों में समूह प्रदर्शनियों के आयोजन के माध्यम से युवा प्रतिभाओं के लिए नए अवसर बना रही है। उन्होंने आगे कहा कि आज जो प्रदर्शनी लगी है, इसमें देश के विभिन्न भागों के कलाकारों ने अपनी कला का प्रदर्शन किया है। मैं अति उत्साहित हूं। यह देखकर की युवा कलाकार भी बहुत अच्छे से काम कर रहे हैं। कलाकारों को बधाई देते हुए उन्होंने कहा कि सभी कलाकारों ने अच्छा काम किया है। अपने कला अनुभवों को साझा करते हुए कहा कि कला एक साधना है। एक कलाकार को अपनी कला के साथ संवाद करना होता है, प्रदर्शनी में शामिल पेंटिंग्स में विषयों और शैली की विविधता इसे आकर्षक बनाती है। कलाकारों ने समकालीन जीवन के साथ ही मिथक और लोक कला को भी अपना विषय बनाया है।
प्रदर्शनी में शामिल डॉ प्रमिला सिंह के बनारस के घाटों को केंद्र में रखकर जीवन के संवेदनशील पक्ष को उजागर करते हैं। कई कलाकारों ने प्रकृति के सौन्दर्य को अपनी लेंडस्केप पेंटिंग्स में प्रस्तुत किया। डॉ प्रीति श्रीवास्तव एवं कल्पना खमेले ने लोक कला की शैली में भी काम किया है, करिश्मा साहू की मॉडर्न पेंटिंग को भी दर्शकों ने बहुत सहारा संचालन गैलरी कोऑर्डिनेटर सहजेन्द्र सिंह बघेल ने किया आभार गैलरी प्रभारी राजकीय संग्रहालय उमा पराशर ने किया। कई वरिष्ठ कलाकारों जैसे की डॉ प्रमिला सिंह झांसी, डॉ पुष्पा अग्रवाल रायपुर, स्मृति अग्रवाल आगरा, सुधा राजेंद्रन चेन्नई, ई जगदीश लाल के साथ साथ अभिलाष दत्ता रायपुर,अंजली शर्मा ग्रेटर नोएडा, अथर्व कुमार रायपुर, भारती शर्मा उज्जैन, बृजेश शर्मा ग्रेटर नोएडा, दक्षित फरीदाबाद, दिनेश कुमार चित्रकूट, कल्पना खमेले नागपुर, करिश्मा साहू अहमदाबाद, मेकाला जी चेन्नई, प्रीति श्रीवास्तव लखनऊ, प्रियंबिका डोड्डाबल्लापुर बैंगलोर, प्रियंका भिसे मुंबई, रिचा उत्तम कानपुर, रिया डे कोलकाता, रूद्र वैद्य अहमदाबाद, शगुन लाठी पुणे, शायरी मंडल कोलकाता, शिविका मतनहेलिया वाराणसी, श्रेया गट्टानी सिलीगुड़ी, श्रेयास दास गुवाहाटी, सौरा मंडल कोलकाता के साथ झांसी के अनुष्का शुक्ला, आराध्या दुबे, अविरल, दिविज साहू, कुसुम लता सविता, माधुरी शर्मा, महेश वर्मा, नीलू परवीन, संध्या श्रीवास्तव सुनील मिश्रा एवं विदित विवेक श्रीवास्तव ने अपनी कला प्रदर्शित की।
इस अवसर पर प्रमुख पीके श्रीवास्तव, संजय राष्ट्रवादी, सुलतान सिंह बघेल, दिनेश श्रीवास्तव, दिनेश भार्गव, डॉ शील कोपड़ा, सुदर्शन शिवहरे, दिनेश सिंह परिहार, संगीता नगरिया, रोहित परिहार, सुमित सोनी, एडवोकेट संजय खरे सहित तमाम लोग उपस्थित रहे।
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