जल की एक-एक बूंद अमूल्य: दीक्षा
जल की एक-एक बूंद अमूल्य: दीक्षा
आशीष पचौरी
फिरोजाबाद। केन्द्र सरकार द्वारा जल संरक्षण के लिये चलाये जा रहे जल शक्ति अभियान के ‘‘कैच द रैन, वेयर इट फाॅल, वैन इट फाॅल, वैन इट फाॅल‘‘ थीम के साथ जनपद में जल संरक्षण व भूजल के समुचित उपभोग को प्रोत्साहन देने के लिऐ जिला प्रशासन द्वारा जन भागीदारी को बढ़ावा देने का प्रयास किया गया है। मुख्य विकास अधिकारी दीक्षा जैन ने बताया कि केन्द्र व राज्य सरकार जल संरक्षण के लिऐ चिन्ताशील है और इस दिशा में भूजल पर निरर्भता कम करने व भूजल पुर्नभरण हेतु वर्षा जल संरक्षण के बेहतर क्रियान्वयन के लिऐ तेजी से कार्य कर रही है। वर्तमान में जनपद के विकास खण्ड फिरोजाबाद, टूण्डला, शिकोहाबाद, नारखी एवं हाथवन्त अतिदोहित श्रेणी में, विकास खण्ड अराॅव क्रिटिकल व विकास खण्ड एका, जसराना एवं मदनपुर सेमी क्रिटिकल श्रेणी में है। जनपद में पिछले कई वर्षों से भूजल गहराता जा रहा है। उन्होंने बताया कि जल संरक्षण हेतु जिलाधिकारी के निर्देशन में जनपद फिरोजाबाद में विगत वर्ष 2022-23 के दौरान जल संरक्षण व भूजल संवर्धन के लिए 521 तालाबों का मनरेगा योजना के तहत जीर्णोद्वार, 85 तालाबों को मनरेगा योजना के माध्यम से अमृत सरोवर के रूप में विकसित किया गया, 10 सरकारी, अर्द्धसरकारी भवनों पर रूफ टाॅप रेन वाटर हार्वेस्टिंग कि स्थापना की गयी, 3 लाख वृक्षारोपण कराया गया, 3 काॅन्क्रीट चैकडेम का निर्माण, 27 मिट्टी के चैकडेमों का निर्माण तथा 1237 सोकपिट का निर्माण कराया गया। जनपद के जनमानस को जल संरक्षण, हेतु प्रेरित करने के लिए जल शक्ति अभियान के तहत 324 कार्यक्रम पानी पंचायत, जनजागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जनपद में स्थापित शीतग्रह संचालकों को वर्षा जल संरक्षण हेतु प्रेरित किया गया जिसमें 23 शीतग्रह संचालकों द्वारा इस वर्ष अपने शीतग्रहों पर रूफ टाॅप रेन वाटर हार्वेस्टिंग की स्थापना की गयी। फसल के पारम्परिक सिचाई पद्धति के स्थान पर 247 हैक्टेयर भूमि पर आधुनिक माइक्रो सिंचाई पद्धति स्थापित की गयी जिसके परिणाम स्वरूप ही जनपद के 5 विकास खण्डों (अराॅव, जसराना, मदनपुर, शिकोहाबाद एवं टूण्डला) में मानसून पूर्व व पश्चात के भूजल स्तर के आकडों में भारी सुधार हुआ है व विकास खण्ड हाथवन्त के मानसून पश्चात के भूजल स्तर में आकडों में सुधार हुआ है, जो कि सकारात्मक है। जनपद के अतिदोहित श्रेणी के विकास खण्डों को क्रिटिकल व क्रिटिकल को सेमीक्रिटिकल व सेमी क्रिटिकल को आगे सुरक्षित श्रेणी में लाने हेतु जल संरक्षण के क्षेत्र में निरन्तर अधिकाधिक कार्य करने की आवश्यकता है तथा साथ ही जनपद में आम जन को भी जल संरक्षण के लिए आगे बढकर भूजल पर निरर्भता कम करने व भूजल पुर्नभरण हेतु जल संरक्षण करते हुऐ सरकार का सहायोग करने की आवश्यकता है। मुख्य विकास अधिकारी ने जनता से अपील की है कि जल की एक-एक बून्द अमूल्य है इसे व्यर्थ न बहने दें। यह आने वाली पीढ़ी के लिये एक प्राकृतिक धरोहर है जिसे बचाने की आवश्यकता है।
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