मनुष्य जीवन को प्रभावित करता है रामायण का हर पात्र: डॉ. संदीप
मुकेश तिवारी
झाँसी। 10 दिवसीय रामलीला मंचन का ग्राम बड़ोखरी, समथर में आयोजन किया गया। सर्वप्रथम कार्यक्रम संचालक एवं ग्रामीणों द्वारा समाजसेवी डॉ. संदीप सरावगी को पुष्पमाला माला पहनाकर स्वागत किया गया। इसके पश्चात कार्यक्रम का शुभारंभ वैदिक मंत्रोच्चार के साथ परम्परागत पूजन अर्चन से प्रारम्भ हुआ। समाजसेवी डॉ. संदीप सरावगी ने फीता काटकर राम लीला मंचन की शुरुआत की।
कार्यक्रम के प्रथम दिवस पर राम जन्म एवं रावण तपस्या के प्रसंग का मंचन स्थानीय कलाकारों द्वारा श्रीराम रंग मंच पर किया गया। जिसमें मंच पर राम जन्म एवं रावण तपस्यारत रहता है। रावण, कुंभकर्ण, विभीषण ब्रह्मा से वरदान प्राप्त करते हैं, जिसके कारण रावण अपने आप को अमर समझने लगता है। तब ब्रह्मा उसे स्वयं भगवान शिव की तपस्या करने को कहते हैं।
उसी समय रावण शिव की तपस्या करने लगता है और भोले शिव को प्रसन्न करने के लिए अपने सिरों को यज्ञकुंड में आहूत देकर उनकी पूजा करता है। तब भगवान शिव प्रकट होकर उसे वरदान देते हैं और यह भी बताते हैं कि अयोध्यापति श्री राम तुझे अंतिम विश्राम देंगे।
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