खबर का असरः आईटीआई की भूमि के आंशिक भाग से एसडीएम ने हटवाया अवैध कब्जा
खबर का असरः आईटीआई की भूमि के आंशिक भाग से एसडीएम ने हटवाया अवैध कब्जा
प्रशासन के एक्शन से भू-माफियों में मची खलबली, कुछ हुये बरी
अनुभव शुक्ला
सलोन, रायबरेली। स्थानीय तहसील के उपजिलाधिकारी आशाराम वर्मा द्वारा मामले में तत्काल एक्शन लेना तहसील क्षेत्र के भू माफियाओं के लिए किसी खतरे की घंटी से कम नहीं हैं। सोमवार के अंक में लोगों ने आईटीआई प्रशिक्षण केंद्र की भूमि पर अवैध कब्जे की खबर तेजस टूडे हिंदी दैनिक अखबार के मुख्य पृष्ठ पर जरुर पढ़ा होगा जिसको संज्ञान में ले एसडीएम आशाराम वर्मा मौके पर पहुंच टीम को अवैध कब्जा हटवाने का निर्देश दिया।
इस पर टीम ने सिर्फ हाल ही में रखे गये महज एक खोखे की दुकान को ही हटवाकर खानापूर्ति कर लिया जिससे एक बार फिर भूमाफिया तहसील प्रशासन की कार्यवाही को चकमा दे अपने मंसूबों में सफल हो गए। बताते चलें कि तहसील मुख्यालय से लगभग 4 किलोमीटर दूर स्थित सलोन जगतपुर मार्ग के मटका ग्रामसभा स्थित झारखंडेश्वर मंदिर से महज 500 मीटर आगे पश्चिम दिशा में मेन रोड पर आईटीआई प्रशिक्षण केंद्र के नाम अभिलेखों में भूमि दर्ज हुई थी किंतु उक्त भूमि सिर्फ अभिलेखों तक ही सीमित रह गई। उस स्थान पर जिम्मेदारों की लचर कार्यशैली के परिणाम स्वरूप आईटीआई प्रशिक्षण केंद्र तो नहीं बन सका परंतु उक्त भूमि भूमाफियों के भेंट जरुर चढ़ गई। बताते चलें कि यह वही आईटीआई प्रशिक्षण केंद्र की भूमि है जिसपर हाल ही में कई लोग अतिक्रमण को अंजाम दिए हैं जिससे आईटीआई प्रशिक्षण केंद्र के नाम दर्ज भूमि भूमाफियों कि भेंट चढ़ चुकी है। इसकी खबर को संज्ञान में ले तहसील प्रशासन के निर्देश पर क्षेत्रीय हल्का लेखपाल अमित पांडेय ने सिर्फ एक अवैध कब्जा हटवाये जिससे अन्य भू माफियाओं ने राहत की सांस ली तथा वहीं दूसरी तरफ क्षेत्र में अन्य अवैध कब्जों को छोड़ देना प्रश्नचिन्ह के साथ क्षेत्र में चर्चा का विषय बना हुआ है।
पूर्व तहसीलदार ने भी कुछ का कब्जा हटवा अन्य को किया था बरी
हालांकि यह कोई नई बात नहीं है लगभग दो वर्ष पहले पूर्व तहसीलदार रामकुमार शुक्ला भी कुछ लोगों के अवैध निर्माण ढहवाकर खानापूर्ति की थी और बाकी भू माफियाओं को बरी कर दिये थे। इसका फायदा उठाकर भू माफिया सामूहिक रुप से बेखौफ ढंग से रोड के किनारे अवैध कब्जे कर लिये हैं। कुछ ही वर्षों में कुछ लोगों ने सांठ-गांठ से रात व कोरोना काल का फायदा उठाकर छत भी डाल दिए हैं। हाल ही में कई लोग अतिक्रमण को अंजाम दिए हैं। अब उसी प्रक्रिया को एक बार फिर दोहराई गई जिससे प्रशासन कि कार्यवाही से लगातार दो बार बचने वाले भू माफिया अपने को आईटीआई प्रशिक्षण केंद्र की भूमि पर स्थायी रुप से कब्जे को वैध मानकर बैठे हैं।
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