परीक्षा पर चर्चा के दौरान पीएम ने सुनी छात्रों की बात
गोविन्द वर्मा
बाराबंकी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मन की बात कार्यक्रम में छात्रों और शिक्षकों के साथ परीक्षा पर चर्चा किया। इस कार्यक्रम को लेकर जिले के छात्र-छात्राओं में काफी उत्साह देखने को मिला। प्रधानमंत्री के परीक्षा पर चर्चा कार्यक्रम को लेकर केंद्रीय विद्यालय में खास इंतजाम किए गए थे। प्रधानाचार्य द्वारा छात्रों व अभिभावकों को इस कार्यक्रम से जोड़ने के लिए विद्यालय में एलईडी व टेलीविजन लगाए गए थे। जिससे छात्र-छात्राएं व अभिभावक इसका सीधा प्रसारण देख सकें।
प्रधानमंत्री का कार्यक्रम सुनने के बाद छात्रों में काफी उत्साह देखने को मिला। कार्यक्रम के जरिए पीएम मोदी ने बच्चों से उनके मन से एग्जाम के डर को बातचीत के माध्यम से कम करने की कोशिश की। प्रधानमंत्री का यह कार्यक्रम एग्जाम के बीच बच्चों के लिए मानसिक रूप से और भी मजबूत होने का एक अच्छा मौका था। कार्यक्रम को सुनने और देखने के लिए छात्रों के साथ काफी संख्या में अभिभावक भी इस विद्यालय में पहुंचे। सुबह 11 बजे से शुरू हुए प्रधानमंत्री के परीक्षा पर चर्चा कार्यक्रम को लेकर सभी छात्र छात्राएं और अभिभावकों ने प्रधानमंत्री की बात सुनी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने दिल्ली स्थित ताल कटोरा स्टेडियम से परीक्षा पर चर्चा कार्यक्रम के द्वारा परीक्षार्थियों को परीक्षा के टेंशन व दबाव से मुक्त होकर परीक्षा देने और अच्छे अंक प्राप्त करने के लिए प्रेरित किया।मन की बात कार्यक्रम में सोते रहे शिक्षक
आज का छात्र ही आने वाले कल का राष्ट्र निर्माता है परंतु सरकारी विद्यालयों में बच्चों के भविष्य से खिलवाड़ एक आम बात बन चुका है। इसका प्रत्यक्ष प्रमाण केंद्रीय विद्यालय में देखने को मिला। नगर के मोहल्ला लखपेड़ाबाग स्थित केंद्रीय विद्यालय में प्रधानमंत्री के मन की बात कार्यक्रम को सुनने में लीन हुए शिक्षक मजे से खर्राटे भरते रहे। परीक्षा पर चर्चा में बच्चों से मुखातिब प्रधानमंत्री अगर यह नजारा देखते तो उन्हें भी हकीकत का पता चल जाता। नींद के आगोश में पहुंचे गुरुजी अपने मन के तार सीधे पीएम से जोड़कर देश का भविष्य संवारने में लगे हुए थे।
विद्यालय में उल्टा फहराया गया तिरंगा
प्रधानमंत्री के मन की बात कार्यक्रम को सुनने के लिए केंद्रीय विद्यालय में उत्सव जैसा नजारा देखने को मिला। अपने पीएम से बात करने को लेकर बच्चे भी काफी उत्साहित नजर आ रहे थे। कार्यक्रम से पहले विद्यालय मैनेजमेंट द्वारा उल्टा ध्वज फहराया गया। विद्यालय प्रांगण में उल्टा फहराया गया तिरंगा शिक्षकों की काबिलियत पर सवालिया निशान लगा रहा था। अब भला कोई यह कैसे समझे की उल्टा तिरंगा फहराकर गुरुजी बच्चों को कैसी शिक्षा देना चाहते हैं।
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