जेएस चौधरी
वाराणसी। प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र बनारस में लॉक डाउन 4 सोमवार से शुरू हो गया। सरकार ने रेड, आरेंज और ग्रीन जोन इलाकों में शराब के ठेके खोलने की अनुमति दी है जिससे कुछ राजस्व की वसूली हो सके। जैसे ही सोमवार को बनारस में शराब के ठेके खुलने का समय हुआ तो लोग जगह-जगह पर पहले ही ठेकों पर पहुंचकर शराब के लिए लाइन में लग गये।
इतना ही नहीं, जहां से शराब मिलनी थी, वहां पर लोग मधुमक्खी की तरह जाली पर चिपके नजर आये और जमकर सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जी उड़ाये। लोगों को शराब लेनी इतनी जरूरी थी कि उन्हें अपनी जान की भी परवाह ही नहीं दिखाई दी। बता दें कि कोरोना वायरस के कारण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 40 दिन का लॉक डाउन घोषित किया गया था।
इस दौरान किसी प्रकार की छूट नहीं दी गई थी लेकिन लॉक डाउन में छूट दी गई तो लोग घरों से निकलकर अपनी जान को दांव पर लगाकर सुबह से ही ठेकों पर दिखाई दिये लेकिन अब यहां पर सबसे बड़ा सवाल यह उठता है कि जहां कोरोना महामारी के बचाव के लिए केंद्र व राज्य सरकार तक खरबों रुपये से भी ज्यादा पैसे जनता के ऊपर खर्च किए जा चुके हैं और अभी भी वर्तमान स्थिति काबू में नहीं है तो क्या ऐसे में जिला प्रशासन की ओर से शराब ठेकों को खोलने की अनुमति देना सही था।

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