हैण्डपम्प खराब होने से पेयजल की किल्लत
हैण्डपम्प खराब होने से पेयजल की किल्लत
अश्वनी सैनी
उन्नाव। शहर में ट्यूबवेल, हैण्डपम्प, पाइप लाइनों आदि के सहारे टिकी जलापूर्ति व्यवस्था जर्जर हैं। जिससे लोगों को पर्याप्त पानी नहीं मिल पा रहा है। शहर में 3100 हैंडपंपों में 223 खराब पड़े हैं। इनकी मरम्मत के नाम पर केवल खानापूर्ति की जा रही है। प्रतिदिन, प्रतिव्यक्ति 130 लीटर पानी की जरूरत है, लेकिन जलकल विभाग अधिकतम 100 लीटर पानी की ही आपूर्ति कर पा रहा है। शहर के अधिकांश मोहल्लों में आए दिन आपूर्ति बाधित हो जाती है।
जिससे लोगों को परेशानी उठानी पड़ती है। वहीं रोजाना हैंडपंपों की मरम्मत कराने का दावा वहीं नगर पालिका रोजाना हैंडपंपों की मरम्मत कराने का दावा किया जा रहा है। बता दें कि शहर के 32 वार्ड में कुल 48,349 मकानों में रह रहे साढ़े तीन लाख लोगों को गर्मी में ही पर्याप्त पेयजल नहीं मिल पा रहा है। जबकि नगर पालिका ने जलापूर्ति व्यवस्था के लिए 20 नलकूप और नौ ओवर हेड टैंक और 3100 हैंडपंप लगाए हैं। कई मोहल्लों में पाइप लाइन जर्जर होने से जगह-जगह लीकेज हो गया है जिससे रोजाना हजारों लीटर पानी बह जाता है। वहीं, आए दिन मोटर फुंकने और बोरिंग में तकनीकी खराबी के कारण जलापूर्ति बाधित हो जाती है। मानक के अनुसार 13 एमएलडी (लाख लीटर प्रतिदिन) पानी घरों में पहुंच रहा है। केवल सात एमएलडी पानी ही लोगों के घरों तक पहुंच पाता है। कई बार लोगों ने इसकी मांग की, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई।पहलीखेड़ा स्थित ट्यूबवेल की बोरिंग पिछले साल मई माह में फेल हो गई थी। इससे हजारी टोला, कासिमनगर, नुरदीनगर, भूरी देवी, रामनगर, पुरानी बाजार, केसरगंज व दुपुरापुर सहित अन्य मोहल्लों के घरों में होने वाली जलापूर्ति ठप हो गई थी। इसके बाद मरम्मत कराई गई, लेकिन मरम्मत के नाम पर केवल औपचारिकता निभाई गई जिससे आए दिन जलापूर्ति बाधित रहती है। मोहल्लेवालों का कहना है कि जलापूर्ति ठप होने पर केवल एक बार दोपहर में ही टैंकर से पानी आता है। गर्मी में पानी की समस्या से लोग बेहाल हैं। जिनमें भूरी देवी, कल्याणी, मोतीनगर, सिविल लाइन मध्य, पुरानी बाजार, केसरगंज, कंजी, किला, तालिब सराय, अनवार नगर, पत्थर कालोनी, पंजाबी कालोनी, हजारी टोला, जेर खिड़की, लोधनहार, दरोगा बाग मोहल्ला आदि शामिल है।
क्या कहते हैं जलकल अभियन्ता
जलकल अभियन्ता विवेक वर्मा ने बताया कि नगर पालिका की जहां भी मोटर और बोरिंग में तकनीकी खराबी की सूचना मिलती है। उसकी तुरन्त मरम्मत कराई जाती है और रोजाना 10 से 12 हैण्डपम्प ठीक कराए जा रहे हैं।
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