जौनपुर के डा. हरेन्द्रदेव ने लखनऊ के 32वीं कांफ्रेंस में एक सत्र का किया संचालन
जौनपुर के डा. हरेन्द्रदेव ने लखनऊ के 32वीं कांफ्रेंस में एक सत्र का किया संचालन
जौनपुर। इंडियन सोसायटी ऑफ हाइपरटेंशन की 32वी कॉन्फ्रेंस का आयोजन अटल बिहारी वाजपेई कन्वेंशनल हॉल लखनऊ में 9, 10 व 11 सितंबर को किया गया जिसमें जनपद का प्रतिनिधित्व करते हुए डा. हरेंद्रदेव सिंह ने चेयर पर्सन की भूमिका में एक सत्र का संचालन किया।
कांफ्रेंस का मुख्य उद्देश्य उच्च रक्तचाप से होने वाली दुश्वारियां तथा मौतों को पूरी दुनिया में कैस टाला जा सके पर रहा जिसका निष्कर्ष यह था कि उच्च रक्तचाप की डायग्नोसिस को जितनी शीघ्र (एस अर्ली एस पॉसिबल) किया जाए एवं पूरी सतर्कता से जीवनशैली में परिवर्तन जैसे नियमित व्यायाम, नियंत्रित भोजन मोटापे पर प्रभावी तरीके से नियंत्रण अपने भोजन में नमक की मात्रा कम तथा ढेर सारी रिलैक्सेशन के तरीकों को अपने जीवन में समाहित करने से तथा नियमित चिकित्सकों द्वारा सुझाए गये विभिन्न उपलब्ध निरापद औषधियों के नियमित सेवन तथा किसी भी तरह के धूम्रपान, जर्दा, पान, मदिरापान एवं नशे की प्रवृत्ति से दूर रहे। मतलब यह तमाम उपक्रम ही आपको उच्च रक्तचाप द्वारा होने वाली दुश्वारियां जैसे हार्टअटैक, हार्ट फैलियर, ब्रेन स्ट्रोक, रिनल फैलियर, पेरीफेरल वैस्कुलर डिजीज, रेटिनल हेमरेज से होने वाले अंधेपन जैसी दुश्वारियों से बचाया जा सकता है,क्योंकि यह तमाम दुश्वारियां जो उच्च रक्तचाप से उत्पन्न होती हैं।
यह समाज में अपंगता एवं आर्थिक नुकसान का बड़ा कारण होती है। जैसा कि बार—बार समझाया जाता है कि उच्च रक्तचाप एक ऐसी बीमारी है जो आपके शरीर में बहुत लंबे समय तक रहकर बिना आपको किसी तरह की परेशानी पैदा किए पांच 10 साल के अंदर सारी दुश्वारियां पैदा करना शुरू कर देता है, इसीलिए इस बीमारी को साइलेंट किलर भी कहा जाता है जो चुपके से आपके शरीर में आकर प्रवास करता है और उस प्रवास के दौरान अपना दुष्प्रभाव को धीरे-धीरे हमारे शरीर पर डालता रहता है जो आगे चलकर आप को हार्ट अटैक ब्रेन अटैक रिनल फैलियर ब्लाइंडनेस पेरीफेरल वैस्कुलर डिजीज तथा आप की मृत्यु का कारण बन जाता है, इसलिए इस बीमारी में जागरूकता जीवन शैली में परिवर्तन एवं नियंत्रित खानपान तथा अपने स्वास्थ्य के प्रति चेतन ही इस बीमारी से आपको बचा सकती हैं।
यह मान लें कि उच्च रक्तचाप किसी भी तरह से ऐसी बीमारी नहीं है जिससे आप भयभीत और चिंतित हो और फिक्रमंद हो यह आपके शरीर की विभिन्न हिस्सों को खराब कर सकें ऐसा नहीं है। आज पूरी दुनिया में जितने भी शोध हुए हैं और पूरी तरह से सत्यापित तथ्य है कि यदि आप इस बीमारी को जितनी जल्दी हो सके। डायग्नोसिस करवाकर के चिकित्सक की सलाह से निश्चित नियमित दवा का सेवन कर जीवनशैली में परिवर्तन कर नशे से दूर रहकर मोटापे को कम करके व्यायाम योगा मेडिटेशन रिलैक्सेशन एक्सरसाइज करके तथा तथा जंक फूड तथा प्रिजर्व्ड फूड को न खाकर, नमक कम खाकर के अधिक हरी सब्जियां फल एवं कम फैक्ट्स का सेवन कर आप अपनी उम्र बढ़ा सकते हैं। आपका जीवन स्वस्थ और समृद्ध हो सकता है, इसलिए इस बीमारी में जागरूकता ही स्वस्थ रहने की कुंजी है। डा. हरेंद्र देव सिंह इंडियन सोसायटी आफ हाइपरटेंशन के फेलो हैं तथा इसकी कार्यकारिणी के सदस्य भी इस पूरी कॉन्फ्रेंस में देश के विभिन्न कोनों से ख्यात लब्ध चिकित्सकों अनुसंधानकर्ताओं ने शिरकत की तथा अपनी अपनी बातों को और अनुभवों को एक दूसरे से शेयर किया।
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