पीजीआई में पूर्व सांसद के पुत्र की मौत पर डाक्टर बर्खास्त
अजय कुमार
लखनऊ। संजय गांधी पोस्ट ग्रेजुएट आयुर्विज्ञान संस्थान (एसजीपीजीआई) में 28 अक्टूबर को भारतीय जनता पार्टी के पूर्व सांसद के बेटे को इमरजेंसी में नहीं भर्ती करने के कारण इलाज के अभाव में मौत के मामले में योगी सरकार ने सख्त कदम उठाते हुए जिम्मेदार डाक्टर को नौकरी से निकाल दिया। गौरतलब हो कि 28 अक्टूबर को इमरजेंसी पहुंचे पूर्व सांसद का आरोप है कि किसी डॉक्टर ने उनके बेटे को देखने की जहमत नहीं उठाई। बेटे की मौत के बाद बांदा के पूर्व सांसद भैरो प्रसाद मिश्रा समर्थकों के साथ इमरजेंसी में धरने पर बैठ गये। इसके दूसरे दिन सुबह 4 बजे जब पीजीआई के डायरेक्टर और सीएमएस धीराज मौके पर पहुंचे और कार्रवाई का आश्वासन दिये तब जाकर धरना खत्म हुआ। इस बीच स्वास्थ्य मंत्री ब्रजेश पाठक ने प्रथम दृष्टया जांच में दोषी पाए गए डॉक्टर को संस्थान से कार्यमुक्त कर दिया। भविष्य में इस तरह की घटना न हो, इसके लिए पीजीआई डायरेक्टर को चेतावनी भी दी है।उधर सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने इस मुद्दे पर भाजपा और योगी सरकार की जमकर खिंचाई की। अपने एक्स अकाउंट पर उन्होंने लिखा है, ’बात किसी विशेष व्यक्ति को इलाज न मिल पाने की वजह से दम तोड़ देने की नहीं है, हर एक सामान्य नागरिक के जीवन के मूल्य की भी है। जब उप्र में सत्ताधारी भाजपा के पूर्व सांसद के पुत्र तक को इलाज नहीं मिल पा रहा है तो आम जनता के बारे में क्या कहना। आशा है कि दूसरे राज्यों में चुनाव प्रचार से लौटने के बाद उप्र के भाजपाई मंत्रीगण इसका संज्ञान लेंगे, क्योंकि अभी तो उनके लिए चुनाव किसी के जीवन से अधिक महत्वपूर्ण है।’ बता दें कि भैरो प्रसाद मिश्रा 2014 में बांदा से बीजेपी के टिकट पर सांसद चुने गए थे। उनका आरोप है कि वे डॉक्टरों से गुहार लगाते रहे लेकिन बेटे का इलाज नहीं किया गया। डॉक्टरों ने उनके बेटे को हाथ तक नहीं लगाया। उनके बेटे प्रकाश मिश्रा को किडनी की बीमारी थी जिसका पीजीआई में उपचार चल रहा था।
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