स्वस्थ व सुरक्षित रहने के लिये करें योग: प्रधानाचार्य
गोविन्द वर्मा
बाराबंकी। अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के दिन महर्षि विद्या मंदिर के कर्मचारियों ने योगाभ्यास कर प्रण लिया कि जीवन को स्वस्थ और सुरक्षित रखने के लिए प्रतिदिन योगाभ्यास करते रहेंगे। योग दिवस पर प्रकाश डालते हुए आशा अवस्थी ने बताया कि 21 जून को योग दिवस बनाने के लिए हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रयास किया और सफलता भी पाई। लगभग 166 देश में आज के दिन योगाभ्यास समूह के रूप में किया जाता है। ध्यान शिक्षिका रूपाली शर्मा ने नियमानुसार ध्यान करवाया। प्रधानाचार्य प्रदीप श्रीवास्तव ने योगाभ्यास से होने वाले लाभ से परिचित कराया तथा सबको प्रण दिलवाया कि निरंतर हम लोग योगाभ्यास जीवन को सुखमय बनाने के लिए करते रहेंगे। उन्होंने बताया कि भारत से योग का संबंध सालों पुराना है। भारतीय संस्कृति और वेदों में योग एक प्रमुख अंग है। आज जब पूरी दुनिया योग की अहमियत को समझ रही है तो इसका श्रेष्य भारत के योगगुरुओं को जाता है जिनके प्रयास से दुनिया भर में योग पहुंचा है।
पहली बार 27 सितंबर 2014 को संयुक्त राष्ट्र महासभा में भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने भाषण में अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाने का प्रस्ताव रखा था। उसी वर्ष 11 दिसंबर को संयुक्त राष्ट्र महासभा ने इस प्रस्ताव को स्वीकृति देते हुए 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के रूप में मनाने की घोषणा की थी। इस प्रस्ताव को 177 देशों का समर्थन मिला था जिसके बाद पहली बार दुनियाभर में योग दिवस 21 जून 2015 को मनाया गया था। इस दिन विश्व के लाखों लोगों ने सामूहिक रूप से योगाभ्यास किया था। योग दिवस मनाने के लिए 21 जून का ही दिन निर्धारित करने के पीछे खास वजह यह है कि 21 जून उत्तरी गोलार्ध में सबसे लंबा दिन होता है जिसे ग्रीष्म संक्रांति कहते हैं। यह दिन साल का सबसे लंबा दिन माना जाता है। ग्रीष्म संक्रांति के बाद सूर्य दक्षिणायन में प्रवेश करता है जिसे योग और अध्यात्म के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है। इस अवसर पर रोहित बाजपेई, अनुपम राजपूत, भावना साहू, मंजू वर्मा, महिमा श्रीवास्तव, अतुल द्विवेदी, संजीव श्रीवास्तव, रामचंद्र मिश्र सहित तमाम लोग मौजूद रहे।
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