डीएम के अनुमण्डलीय अस्पताल जांच में कई कर्मियों पर गिरी गाज
अनियमितता को लेकर डीएम ने लेखा व अस्पताल प्रबन्धक को तत्काल सेवा मुक्त करने के लिये दिये निर्देश
राजीव कुमार पाण्डेय
मोहनियां। डीएम सावन कुमार पूरी तरह से अपने पुराने अंदाज में नजर आ रहे हैं। चुनावी दायित्वों से मुक्त होते ही पूर्व की भांति ही नियमित तौर पर विभिन्न विभागों का औचक निरीक्षण जारी है। इस दौरान लापरवाही बरतने वाले कर्मियों एवं अधिकारियों पर कानूनी कार्रवाई के तहत निलंबित करने वेतन में कटौती करने आदि का फरमान सुना रहे हैं। इसी कड़ी में शुक्रवार को जिला पदाधिकारी द्वारा अनुमंडलीय अस्पताल, मोहनियां का औचक निरीक्षण किया गया। जहां कई कर्मियों के कार्यों में लापरवाही को पाते हुए डीएम ने कड़ा रुख अपनाया और सेवा मुक्त करने को लेकर निर्देशित किया।निरीक्षण के क्रम में डीपीएम हेल्थ सहित अन्य लोग उपस्थित पाए गए। वहीं निरीक्षण के दौरान अस्पताल में साफ सफाई की स्थिति संतोषजनक नहीं पाई गई तथा वार्ड एवं प्रतीक्षालय के पंखे खराब पाए गए जिससे मरीजों को काफी समस्या हो रही थी। जिसको लेकर जिला पदाधिकारी द्वारा अस्पताल परिसर में साफ-सफाई पर असंतोष व्यक्त करते हुए साफ-सफाई एजेंसी के विपत्र में से 75 प्रतिशत राशि कटौती हेतु डीपीएम हेल्थ को निर्देशित किया गया। लू को देखते हुए ख़राब पंखे एवं एसी के मरम्मति के संबंध में पृच्छा करने पर अस्पताल लेखा प्रबंधक द्वारा बताया गया कि बजट उपलब्ध नहीं है। जाँच करने पर पाया गया कि बजट की कोई समस्या नहीं है। जिला पदाधिकारी द्वारा अस्पताल लेखा प्रबंधक को तत्काल सेवा मुक्त करने हेतु सिविल सर्जन को निर्देश दिया गया। आगे निरीक्षण के दौरान पाया गया कि अनु. अस्पताल में प्रतिनियुक्ति चिकित्सक डॉ. दिनेश चौहान, डॉ. रूपेश श्रीवास्तव एवं डॉ. विंध्याचल सिंह अस्पताल के रोस्टर में एक दिन में 24 घंटे काम करते हैं। प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी द्वारा इस संबंध में बताया गया की उपयुक्त चिकित्सकों द्वारा मनमानी ढंग से दबाव में रोस्टर तैयार कराया गया है। दूरभाष पर संपर्क करने पर चिकित्सा को द्वारा कोई संतोषजनक जवाब नहीं दिया जा सका। जिला पदाधिकारी द्वारा तीनों चिकित्सक पदाधिकारी को तत्काल प्रभाव से वहां से स्थानांतरण करते हुए उनके विरुद्ध कार्रवाई हेतु विभाग को प्रतिवेदित करने का निर्देश सिविल सर्जन को दिया गया। अनुमंडल अस्पताल मोहनियां में प्रतिनियुक्ति अस्पताल प्रबंधक के संबंध में बताया गया कि वे औरंगाबाद से आते हैं एवं सप्ताह में एक-दो दिन आते हैं जिसके कारण साफ सफाई एवं अन्य व्यवस्था में शिथिलता बरती जाती है। जिला पदाधिकारी द्वारा अस्पताल प्रबंधक को तत्काल सेवा मुक्त करने हेतु सिविल सर्जन को निर्देश दिया गया। निरीक्षण के दौरान मौजूद मरीज़ों द्वारा बताया गया कि उनका एक्सरे नहीं हो रहा। जाँच करने पर एक्स-रे का कार्य बंद पाया गया पूछने पर बताया गया कि वोल्टेज लो है जबकि संबंधी एजेंसी के साथ इकरारनामा में जनरेटर उन्हें उपलब्ध कराना है। जिला पदाधिकारी द्वारा एक्स-रे विपत्र में 75 प्रतिशत कटौती करने का निर्देश सिविल सर्जन को दिया गया।
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