डीएम ने नोडल अधिकारी संग की पशुपालन विभाग के कार्यों की समीक्षा

डीएम ने नोडल अधिकारी संग की पशुपालन विभाग के कार्यों की समीक्षा

गोवंश आश्रय स्थलों को आत्मनिर्भर बनाये जाने के दिया सुझाव
अब्दुल शाहिद
बहराइच। जिले में संचालित गोआश्रय स्थलों की व्यवस्थाओं के पर्यवेक्षण एवं अनुश्रवण हेतु जिले के 3 दिवसीय भ्रमण पर आये नोडल अधिकारी उप निदेशक मुख्यालय डॉ. अजय मिश्रा की मौजूदगी में जिलाधिकारी मोनिका रानी ने पशुपालन विभाग द्वारा संचालित योजनाओं एवं कार्यक्रमों की समीक्षा करते हुए निर्देश दिया कि मुख्यमंत्री सहभागिता योजना अन्तर्गत दिये गये गोवंश के लाभार्थियों एवं कुपोषित बच्चों के परिवारों का विवरण सम्बन्धित रजिस्टर में संरक्षित रखें तथा सूची को दर्पण पोर्टल पर अपलोड भी करें।

ताकि निरीक्षण के दौरान कोई भी अतिविशिष्ट जन अथवा अधिकारी लाभार्थियों से फीड बैक प्राप्त कर सकें। पशुपालन विभाग को निर्देश दिया कि यह विवरण एसडीएम व बीडीओ को भी उपलब्ध करा दिया जाय, ताकि वे भी अपने स्तर पर सत्यापन कर लें।
जिलाधिकारी ने बीडीओ को निर्देश दिया कि भरण पोषण की धनराशि का हस्तान्तरण समय से किया जाय। पशुपालन विभाग को निर्देश दिया कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में संचालित किये गये टीकाकरण अभियान अन्तर्गत आच्छादित लाभार्थियों की सूची जनप्रतिनिधियों व सम्बन्धित एसडीएम व बीडीओ को भी उपलब्ध करा दी जाए। डीएम एसडीएम व बीडीओ को टीकाकरण कार्य का सत्यापन कराये जाने का भी निर्देश दिया।

डीएम ने निर्देश दिया कि सेक्स सार्टेड सीमन से अधिक कृत्रिम गर्भाधन कराया जाय, ताकि पशुपालकों को बछिया की प्राप्ति हो। उन्होंने कहा कि इस योजना का व्यापक स्तर पर प्रचार-प्रसार भी किया जाय, ताकि अधिक से अधिक पशुपालक लाभान्वित हो सकें। पशुपालकों की केसीसी लक्ष्य 10988 के सापेक्ष प्रगति कम पाये जाने पर डीएम ने नाराज़गी व्यक्त करते हुए लक्ष्य के अनुरूप पूर्ति सुनिश्चित कराए जाने के निर्देष दिये तथा इस कार्य में आ रही समस्याओं के निराकरण के लिए ब्लाक स्तर पर बैंकों की आयोजित होने वाली बैठक में विभागीय अधिकारी प्रतिभाग कर इच्छुक पशुपालकों को के.सी.सी. निर्गत कराएं। डीएम ने मुख्य पशु चिकित्साधिकारी को निर्देश दिया कि आगामी बैठक में पशु चिकित्साधिकारीवार विवरण प्रस्तुत किया जाय।

जिले के 03 दिवसीय भ्रमण पर आये नोडल अधिकारी डॉ. अजय मिश्रा ने बताया कि उनके द्वारा 12 गौशालाओं का निरीक्षण किया गया है। ओवर व्यवस्थाएं संतोषजनक पायी गईं। डॉ. मिश्रा ने जिले के गौआश्रय स्थलों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए बायोगैस प्लान्ट स्थापना पर विचार किया जाय। उन्होंने बताया कि गो संरक्षण हेतु धनराशि की कमी नहीं है। मांग के अनुसार धनराशि उपलब्ध कराई जाएगी। उन्होंने जिले के जिम्मेदार अधिकारियों का आहवान किया कि संरक्षित गोवंशों को मानक के अनुसार सभी सुविधाएं प्रदान की जाएं। उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि गौशालाओं में संरक्षित गोवंशों में कमज़ोर गोवंशों को अलग रखकर उनके पोषण हेतु विशेष प्रबन्ध किये जायं।

बैठक का संचालन डिप्टी सीवीओ डॉ. ओम प्रकाश श्रीवास्तव ने बताया कि जनपद में कुल 119 गावंश आश्रय स्थल संचालित है जिसमें से 04 वृहद, 94 अस्थायी, 02 कान्हा गोशाला व जिला पंचायत द्वारा 19 कांजी हाउस संचालित हैं। वर्तमान में कुल 18599 गोवंश संरक्षित हैं। गोवंशों के हरे चारे हेतु लगभग 100 हेक्टेयर क्षेत्रफल में नैपियर घास की बोआई की गई है।
इस अवसर पर मुख्य विकास अधिकारी कविता मीना, उपजिलाधिकारी नानपारा अजित परेश, कैसरगंज के महेश कैथल, महसी के राकेश मौर्या, पयागपुर के दिनेश कुमार, मोतीपुर के संजय कुमार, डीपीआरओ राघवेन्द्र द्विवेदी, जिला अर्थ एवं संख्याधिकारी डॉ. अर्चना सिंह, ईओ बहराइच बाल मुकुन्द मिश्रा व नानपारा के रेनू यादव, डिप्टी सीवीओ डॉ. महेन्द्र सचान, खण्ड विकास अधिकारी, पशु चिकित्सक सहित अन्य सम्बन्धित मौजूद रहे।

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