अश्वनी सैनी
उन्नाव। जिला अस्पताल स्टाफ की कमी से जूझ रहा है। न पर्याप्त स्टाफ नर्स हैं और न ही डॉक्टर्स की तैनाती। जिला अस्पताल एक सर्जन के सहारे मरीजों का इलाज किया जा रहा है। ऐसे में मरीजों के इलाज के साथ ही भर्ती मरीजों को दवाए और स्वास्थ्य सेवाओं में परेशानी हो रही है। स्टाफ और डॉक्टर की तैनाती के लिए छह महीने में आठ पत्र भेजे गए, लेकिन तैनाती आज तक नहीं हो सकी। आने वाले दिनों में संक्रामक रोगियों के बढने पर परेशानियां बढ सकती है। बतां दे कि जिला अस्पताल और इमरजेंसी वार्ड 150 बेड के सहारे संचालित हैं। इनमें इमरजेंसी वार्ड में 30, जनरल वार्ड में 96 और ट्रॉमा सेंटर में 20 बेड हैं।
यहां चार बेड का आइसोलेशन वार्ड भी बना है। मौसम में बदलाव होने से जिला अस्पताल में इन दिनों मरीजों की संख्या में इजाफा हो रहा है। भर्ती होने वाले 150 मरीजों के लिए जिला अस्पताल में 66 स्टाफ नर्सों की जरूरत है। जब कि मौजूदा समय में केवल 34 नर्स की तैनाती हैं। मौजूदा समय में विभिन्न बीमारियों से पीडित औसतन 1,200 मरीज रोजाना अस्पताल पहुंच रहे हैं। पिछले 10 महीने से केवल एक सर्जन के भरोसे ही इलाज किया जा रहा है। अस्पताल प्रशासन ने कई बार एक सर्जन, हृदय रोग विशेषज्ञ और स्टाफ नर्स की तैनाती की मांग की है। लेकिन अभी तक किसी की तैनाती नहीं हो सकी है। सीएमएस रियाज अली ने एक बार फिर स्वास्थ्य निदेशालय को पत्र भेजकर स्टाफ बढाने की मांग की है। जिला अस्पताल में ह्रदयरोग विभाग में वर्तमान में एक ईसीजी टेक्नीशियन, एक स्टाफ नर्स, एक बीपी मॉनीटर है। हृदय रोग विशेषज्ञ के सेवानिवृत्त होने के बाद से किसी डॉक्टर की तैनाती नहीं हो सकी है। रोजाना औसतन 12 गंभीर मरीजों को इमरजेंसी वार्ड से सीधा कानपुर कार्डियोलॉजी रेफर कर दिया जाता है जिससे मरीजों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
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