मिठाई के नाम पर परोसी जा रही बीमारी, प्रशासन अनजान
मिलावटखोर क्यों हैं मालामाल? प्रशासन पर उठे बड़े सवाल
अनिल कश्यप
हापुड। दीपावली पर्व को लेकर जिला प्रशासन जिलाधिकारी मेधा रूपम के आदेश व निर्देश पर मिलावटी खाद्यान्न बिक्री एवं अवैध खाद्यान्न निर्माण कर्ताओं के खिलाफ लगातार कार्यवाही करता नजर आ रहा है लेकिन मिलावट खोर मिलावट करने से बाज नहीं आ रहे हैं।
मिलावट खोर भी ऐसे जिनका शायद हापुड़ के किसी कोने में नाम ना हो, आप इससे ही अंदाजा लगा सकते हैं जिसका हापुड़ के कोने कोने में नाम विख्यात हो ऐसे मिलावट खोर पर अधिकारियों की नजर क्यों नहीं पड़ती? आखिर क्यों प्रशासन ऐसे नामी दुकानों पर छापामार कार्यवाही नहीं करते? क्या यह समझा जाए कि इन ऊंचे नाम वाली दुकानों को प्रशासन ने शुद्धता परोसने का प्रमाण पत्र तो नहीं दे दिया?
बता दें कि ऐसा ही मामला जनपद हापुड़ के थाना देहात क्षेत्र के इंदरगढ़ी मोहल्ले में स्थित राधेश्याम मिष्ठान भंडार से सामने आया है जहां दीपावली पर राधेश्याम मिष्ठान वाले चंद्र रूपों के खातिर दीपावली के शुभ अवसर पर लोगों को बीमारियों का पुलिंदा एक डिब्बे में बंद कर परोस रहे हैं।
सूत्रों के अनुसार दीपावली पर तो यहां टनओ के हिसाब से मिष्ठान का निर्माण होता है परंतु प्रशासन इस तरफ किस नजर से देखता है यह तो हम नहीं कह सकते लेकिन जिस प्रकार मात्र एक दो दिन में ही मिठाई की हालत इतनी कदर हो जाए जिसे देख खाना तो दूर छूने का भी मन न करें तो प्रशासन को इस तरफ जरूर देखना चाहिए।
क्या है पूरा मामला?
दीपावली से पूर्व एक अमित कुमार नामक युवक इंदरगढ़ी की राधेश्याम मिष्ठान भंडार से करीब 230 किलो मिठाई की खरीददारी कर अपने चहेतों को दीपावली कि सुभकामनाओं के साथ वितरित कर दी लेकिन उसके बाद जो हुआ उसे देख अमित के चहेते ही नही आप भी चौक जाएंगे। बता दें कि ऊपर से डिब्बे की खूबसूरती तो बरकरार थी लेकिन डिब्बे के अंदर रखी मिठाई अपनी खूबसूरती खो चुकी थी। मिठाई के उपर जाले लग चुके थे, रंग काला पड़ चुका था और दुर्गंध भी आनी सुरु हो गयी थी। अमित को नही मालूम था की वह जिस मिठाई को उपहार के रूप में वितरित कर रहा है उस मिठाई के डिब्बे में उपहार नहीं उसके संबंधियों के लिए बीमारी का पैगाम है। वही इस सम्बंध में जब अमित के सम्बन्धियों ने मिठाई की जानकारी अमित को दी तो उसके होश उड़ गए उसने, अपने संबंधों से उस मिठाई को जब मंगा कर देखा तो उसमें बदबू के साथ पूरी तरह बीमारियों का जाला फैला हुआ था।
वही पीड़ित ने तत्काल मीडिया से संपर्क किया और मीडिया के साथ जब दुकान पर पहुंचा तो राधेश्याम मिष्ठान भंडार पर उपस्थित कर्मचारी एवं महिला संचालक ने कहा कि ये लोग गत वर्षों से हमारी ही दुकान से मिठाई की खरीदारी करते चले आ रहे हैं और इस बार भी 230 किलो मिठाई इनके द्वारा यहां से खरीदी गई परंतु मिठाई में ऐसे कमी कहां से आ गई। वह कुछ नहीं कह पा रहे हैं। वह तो सिर्फ इस अपराध के लिए क्षमा ही मांग सकते हैं। ऐसा कहते हुए महिला संचालक पीड़ित से क्षमा याचना करती नजर आई।
शासन—प्रशासन से की कार्यवाही की मांग
इस संबंध में पीड़ित अमित से जब हमारे संवाददाता द्वारा बात की गई तो उसका कहना था कि दुकानदार के खिलाफ शासन प्रशासन को कठोर कार्यवाही करनी चाहिए, उसने कहा कि वह इसकी जिला प्रशासन से लेकर लखनऊ मुख्यमंत्री कार्यालय तक शिकायत कर कार्रवाई की मांग करेगा।
अधिकारियों के नहीं उठे फोन, उठे तो छुट्टी कह झाड़ा पल्ला
राधेश्याम मिष्ठान भंडार पर चल रहे हंगामे के दौरान जब पत्रकारों द्वारा अपर जिलाधिकारी से संपर्क कर घटना की जानकारी देने का प्रयास किया गया तो उनका तो उनका जिलाधिकारी का भी सीयूजी नंबर नहीं उठा और तो और जब उप जिलाधिकारी से इस संबंध में बात की गई तो उन्होंने खुद को परिवार के बीच छुट्टी पर होने की बात कहकर तहसीलदार से बात कर कार्यवाही कराने की बात कह कर मामले से पल्ला झाड़ लिया और तो और खाद्यान्न अधिकारी का तो फोन ही नहीं लगा।
अधिकारियों को नहीं जनस्वास्थ्य की परवाह, कहीं मिलीभगत तो नहीं?
हालांकि यह कहने में भी कोई अतिशयोक्ति नहीं होगी कि कहीं ना कहीं खाद्यान्न अधिकारी इन लोगों से मिलीभगत के चलते कोई कार्यवाही नहीं करते, ऐसा हम इसलिए भी कह सकता है, क्योंकि तेजस टूडे समाचार पत्र द्वारा पूर्व समय में भी एक मामले में उन्हें जानकारी उपलब्ध कराने के पश्चात खबर को प्रमुखता से प्रकाशित कर आम जनमानस को खाद्यान्न से संबंधित पेय पदार्थ से सचेत करने का प्रयास किया गया था। हालांकि उस दौरान समाचार पत्र द्वारा तो आम जनता को उस पेय पदार्थ सचेत से सचेत कर दिया गया था लेकिन प्रशासन खबर के बाद भी कार्यवाही से बचता नजर आया।