डिजिटल क्राप सर्वे से कृषि क्षेत्र में आयेगी क्रान्ति: डीएम
डिजिटल क्राप सर्वे से कृषि क्षेत्र में आयेगी क्रान्ति: डीएम
प्रमाणित आंकड़ों से योजनाओं की बेहतर होगी प्लानिंग
अब्दुल शाहिद
बहराइच। खरीफ वर्ष 2023 में सर्वाधिक सर्वें करने वाले कामिकों के सम्मान तथा एग्री स्टैक योजनान्तर्गत (ई-खसरा पड़ताल) रबी फसलों के डिजिटल क्राप सर्वे कार्यक्रम के शुभारम्भ अवसर पर मंत्री कृषि कृषि शिक्षा एवं कृषि अनुसंधान विभाग सूर्य प्रताप शाही की अध्यक्षता में कृषि निदेशालय लखनऊ में आयोजित कार्यक्रम का कलेक्ट्रेट सभागार में सजीव प्रसारण हुआ।
इस मौके पर जिलाधिकारी मोनिका रानी, मुख्य विकास अधिकारी रम्या आर., अपर जिलाधिकारी गौरव रंजन श्रीवास्तव, जिलाधिकारी मोतीपुर संजय कुमार सहित कृषि, पंचायती राज, ग्राम्य विकास, राजस्व विभाग के अन्य अधिकारी व कर्मचारी मौजूद रहे। जिलाधिकारी मोनिका रानी ने कहा कि आज एक महत्वपूर्ण कार्यक्रम का शुभारम्भ हुआ है। कार्यक्रम के क्रियान्वयन की जनपद में नियमित रूप से समीक्षा की जायेगी। उन्होनें अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व, जिला पंचायत राज अधिकारी, उपायुक्त मनरेगा, डीडी एग्री कल्चर तथा जिला गन्नाधिकारी को निर्देश दिया कि प्रतिदिन की प्रगति की समीक्षा कलेक्ट्रेट सभागार में मेरे द्वारा की जायेगी जिसमें कृषि, राजस्व, गन्ना, पंचायत तथा मनरेगा के कार्मिकों द्वारा सर्वेयर के रूप में प्रतिदिन कम से कम 50 गाटों का सर्वे करने का टास्क दिया जाता है।
सम्बन्धित विभाग के अधिकारी प्रतिदिन अपने विभाग के कर्मचारियों से डिजिटल क्राप सर्वे कराने की रिपोर्ट प्राप्त कर तथा उसका विवरण गूगल सीट के माध्यम से उपलब्ध करायेगें तथा भौतिक रूप से सायं 6ः30 बजे उपस्थित होकर उसकी समीक्षा करायेंगे। जिलाधिकारी ने कहा कि प्रत्येक तहसील का प्रतिदिन का 5 हजार गाटा का सर्वे का लक्ष्य निर्धारित है जिसकी पूर्ति प्रत्येक दशा में की जानी है। अभी दो दिन पूर्व रबी फसलों का डिजिटल क्राप सर्वे का कार्य कराया गया है जिसमें 1 कर्मचारी एक दिन में 138 गाटे के सर्वे का कार्य सम्पादित किया गया है। 50 का लक्ष्य कोई अधिक नहीं है इसकी पूर्ति आराम से सुनिश्चित की जा सकती है।
उक्त कार्यक्रम का शुभारम्भ करते हुए कृषि, कृषि शिक्षा एवं कृषि अनुसंधान मंत्री उ.प्र. सरकार ने कहा कि डिजिटल क्राप सर्वे कराने से किसानों की जिन्दगी में नये बदलाव आयेंगे, उनके उत्पादन का प्रमाणित एवं शुद्ध आकड़ा आसानी से मिल सकेगा जिससे कृषकों के आर्थिक विकास उन्नयन एवं कृषि अनुसंधान के क्षेत्र में नई क्रान्ति आयेगी। किसानों के रकबे का सही आकड़ा प्राप्त होने से बैकों द्वारा किसानों को कृषि निवेश क्रय करने हेतु आसानी से केसीसी निर्गत हो सकेगा। कृषि मंत्री ने कहा कि आने वाले समय में प्रदेश स्तर पर बैठे-बैठे डिजिटल टेक्नालाजी के माध्यम से यह पता हो सकेगा कि किसान ने अपने खेत में कौन-कौन सी फसलें बोई गयी है। किसान भाईयों से कहना चाहता हूॅ कि अगर यह कार्य सम्मादित हो गया तो किसानों के जीवन में महत्वपूर्ण बदलाव आयेगा। उन्होंने मुख्य सचिव दुर्गाशंकर मिश्र, अपर मुख्य सचिव कृषि एवं सचिव राजस्व विभाग उ.प्र. शासन द्वारा इस किये जा रहे कार्य की तारीफ करते हुए कहा कि आज भारत सरकार के कृषि मंत्रालय द्वारा आश्चर्य व्यक्त किया जा रहा है कि खरीफ में 21 जनपदों में शत प्रतिशत तथा 54 जनपदों में 10-10 ग्रामों में ई-खसरा पड़ताल का कार्य आसानी से किये जाने पर तारीफ की गयी है।
इस अवसर पर उप निदेशक कृषि टी.पी. शाही, जिला कृषि अधिकारी सतीश कुमार, डीपीआरओ राघवेन्द्र द्विवेदी सहित लेखपाल, कानूनगो, कृषि विभाग के प्राविधिक सहायक ग्रुप-सी, एटीएम/बीटीएम तथा सहायक विकास अधिकारी (कृषि) सहित अन्य सम्बन्धित मौजूद रहे।
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