धम्मौर की सड़कों पर सप्ताह भर से ठोकर खा रहे बुजुर्ग के लिये फरिश्ता बनी धम्मौर पुलिस
धम्मौर की सड़कों पर सप्ताह भर से ठोकर खा रहे बुजुर्ग के लिये फरिश्ता बनी धम्मौर पुलिस
जयशंकर दूबे एडवोकेट
धम्मौर, सुल्तानपुर। स्थानीय क्षेत्र में करीब एक हफ्ते से भटक रहे हरदोई के 90 वर्षीय मेहीलाल राह चलते हर व्यक्ति से एक ही गुजारिश करते रहे कि कोई उन्हें उनके घर पहुंचा दे लेकिन हर व्यक्ति पागल समझकर नजरअंदाज कर देता।
मालूम हो कि धम्मौर थाना क्षेत्र में हाईवे किनारे बेसुध पड़े वृद्ध के लिए धम्मौर पुलिस देवदूत बनकर पहुंची।
न सिर्फ उन्हें भोजन पानी कराया, बल्कि उनका दर्द भी सुना। इसके बाद करीब 300 किलोमीटर दूर स्थित घर तक वृद्ध के बारे में जानकारी पहुंचाई गई। बुधवार सुबह बेटा कांतिलाल हरदोई से धम्मौर पहुंचा तो उसे सामने देखकर पिता की आंख छलछला आई। दोनों ने पुलिसकर्मियों को खूब आशीर्वाद दिया।
हरदोई के थाना हरियावां क्षेत्र के उत्तरा गांव निवासी 90 वर्षीय मेहीलाल करीब दस-बारह दिन पहले घर से अयोध्या आए थे। अयोध्या बस स्टेशन पर वह गलती से गलत बस में बैठकर सुल्तानपुर पहुंच गए। शिक्षा के अभाव में वह सुल्तानपुर में ही अपना गांव खोजते हुए बस से धम्मौर पहुंचे और गांव गांव भटकते रहे। राह चलते कई लोगों से घर पहुंचाने का निवेदन किया लेकिन वृद्ध के पहनावे और जर्जर काया देख सभी उसे पागल समझ आगे बढ़ते रहे। बीते एक हफ्ते से क्षेत्र में भटक रहे वृद्ध ने अपना मानसिक संतुलन भी खो दिया। इन दिनों लोगों ने उन्हें पेट भरने के लिए खाना तो दिया लेकिन उनकी बात को गंभीरता से किसी ने नहीं सुना।
वृद्ध कराहते हुए धम्मौर के सरैया गांव के पास हाईवे किनारे पड़े मिले जिसे देख किसी राहगीर ने पुलिस को जानकारी दी। जिसके बाद पुलिस ने वृद्ध से बात की। इस पर उन्होंने अपना नाम बताने के साथ पुलिस को हरदोई के उत्तरा गांव में अपना घर बताया। इसके बाद थाना प्रभारी ने उन्हें थाने में स्नान कराने के साथ खाना खिलाया। बुजुर्ग को उसके परिवार से मिलाने में दीवान श्रवण कुमार तथा महिला कांस्टेबल शशि की भूमिका प्रमुख रही।
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